Wednesday, 15 January 2025
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड के साथ-साथ मुंबई भी सुर्खियों में है। बॉलीवुड में ड्रग रैकेट की जांच की एंट्री हुई, कई बड़े-छोटे सितारों का नाम सामने आ रहा है। फिर, कंगना का हर किसी से विवाद। इसके बाद यूपी में बड़े भव्य फिल्म सिटी के निर्माण की बात। ये सारी बातें बहुत अलग अलग लेकिन एक दूसरे से जुड़ती हुई नजर आ रही है। इस मुद्दे पर अब योगी आदित्यनाथ भी काफी एक्टिव हो गए हैं।
योगी ने अनुपम खेर, परेश रावल, कैलाश खेर, अशोक पंडित, उदित नारायण, मनोज मुंतशिर, सतीश कौशिक, अनूप जलोटा, राजू श्रीवास्तव,सौंदर्या जैसे दिग्गजों के साथ बैठक की। यूपी में फिल्म सिटी के निर्माण पर चर्चा के लिए मधुर भंडारकर, अनुपम खेर, परेश रावल, विवेक अग्निहोत्री जैसे चेहरे भी खूब बढ़चढ़कर अपनी बात रख रहे हैं, जिन्हें भाजपा की तरफ झुकाव रखने वाला माना जाता है।
योगी आदित्यनाथ ने इस बैठक के बाद कहा कि ये राम की अयोध्या, कृष्ण की मथुरा, शिव की काशी के साथ ही बुद्ध, कबीर और महावीर की भी धरती है। गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है और ये सभी पूर्णता के प्रतीक हैं। फिल्म सिटी अभी बनने जा ही रहा है कि सीएम की तरफ से साफ कर दिया गया है कि ये मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर होगा, लेकिन भारतीय संस्कृति, यूपी संस्कृति को भी आगे बढ़ाने का काम यहां से होगा।
बैठक के बाद और फिल्म सिटी को लेकर जिस तरह से बयान जारी किए गए हैं, उससे साफ संदेश दिया गया है कि ये मुंबई वाली फिल्म नगरी से अलग सिटी होगी। सत्ताधारी पार्टी से जुड़े लोग बॉलीवुड पर अश्लीलता फैलाने, ड्रग रैकेट से जुड़ने जैसे आरोप लगाते रहे हैं। वेस्टर्न कल्चर को भी बढ़ावा देने और अपने कल्चर को नजरंदाज करने के भी आरोप बॉलीवुड झेल चुका है तो ये यूपी वाली फिल्म सिटी उसी के जवाब के तौर पर भी देखी जा सकती है।
एसपी अध्यक्ष का कहना है कि भाजपा सरकार उनके किए गए कामकाज और ऐलानों का क्रेडिट ले रही है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि, अब एसपी काल की ‘फिल्म सिटी’ का श्रेय लेने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार कैंची लेकर फीता काटने को तैयार खड़ी है। फिल्म प्रोडक्शन के लिए एक डेडिकेटेड टाउनशिप की बात साल 1988 के दौरान पहली बार चर्चा में आई थी।
तब मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने 90 के दशक के शुरुआती सालों में ही नोएडा के सेक्टर 16 में फिल्म सिटी बनावायी। प्रसार भारती के ऑफिस से नजदीकी के कारण ये फिल्मसिटी न्यूज चैनलों के लिए पहली पसंद बन गयी। आज लगभग सभी बड़े न्यूज चैनलों के और कुछ एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के ऑफिस नोएडा के सेक्टर 16 फिल्मसिटी में हैं.
वहीं अखिलेश यादव के कार्यकाल में एक कॉर्पोरेट हाउस ने आगरा एक्सप्रेस वे में एक फिल्म सिटी बनाने की घोषणा तो कर दी, लेकिन वो फिल्मसिटी भी कभी बन नहीं सकी थी। अखिलेश यादव ने वरिष्ठ अभिनेता संजय खान को भी आगरा में ही थीम पार्क और फिल्म सिटी शुरू करने के लिए बोला था, ताकि बॉलीवुड के बाकी बड़े बैनर भी यूपी में आकर काम करें। लेकिन ये प्लान भी कभी पूरा नहीं हुआ। लेकिन इस बार सरकार यूपी में देश की सबसे बड़ी फिल्मसिटी बनाने को तैयार है। इसके साथ ही लखनऊ और वाराणसी में सैटेलाइट सेंटर बनाकर भोजपुरी और बाकी क्षेत्रीय सिनेमा को भी बढ़ावा देना चाहती है।
यमुना एक्सप्रेस-वे सेक्टर-21 में लगभग 1,000 एकड़ भूमि पर इसका विकास होगा। इसमें 220 एकड़ कमर्शियल एक्टिविटी के लिए आरक्षित होगा। ये मथुरा-वृंदावन से 60 और आगरा से 100 किमी की दूरी पर है। जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ 35 एकड़ में फिल्म सिटी पार्क भी विकसित किया जाएगा। ये क्षेत्र रेल और सड़क परिवहन से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और एशिया का सबसे बड़ा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी इसके पास ही है, जो बनकर तैयार होने ही वाला है। इस जगह को मेट्रो, रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम और हाई स्पीड ट्रेन से भी जोड़ने की योजना है।