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गढ़कुंडार का किला: इस रहस्यमयी किले में घूमने पहुंची बारात हो गई थी गायब

गढ़कुंडार का किला को लेकर महँ लेखक वृंदावनलाल वर्मा ने किताब भी लिखी है। इसमें किताब में भी गढ़कुंडार के कई रहस्य दर्ज किए हैं।
Information Komal Yadav 6 April 2022
गढ़कुंडार का किला: इस रहस्यमयी किले में घूमने पहुंची बारात हो गई थी गायब

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) एक ऐसा राज्य है जो कई ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले का गढ़कुंडार का किला भी कुछ ऐसा ही है। गढ़कुंडार में हर साल महोत्सव होता है जिसमें मध्य प्रदेश की बड़ी राजनैतिक हस्तियां हिस्सा लेने पहुंचती हैं। किला पिछले सैकड़ों सालों से इतनी कहानियों का गवाह है कि वृन्दावन लाल वर्मा ने इस पर पूरी किताब लिखी है। यह किला 11वीं सदी में बनाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि ये किला इतना रहस्मयी है कि यहां घूमने गई पूरी बरात गायब हो गई थी

इस किले का इतिहास मोहम्मद बिन तुगलक से भी जुड़ा है। यहां की राजकुमारी इतनी खूबसूरत थी कि मोहम्मद बिन तुगलक ने उससे शादी करने की ठान हमला कर दिया था। राजकुमारी ने बचने के लिए कई महिलाओं के साथ ही आग के कुएं में कूद जौहर कर लिया था। माना जाता है कि किले के भूतल में इतना खजाना मौजूद है कि अगर मिल जाए तो पूरा देश अमीर हो सकता है।

ये कब और किसने बनवाया इसकी कोई जानकारी नहीं है। ऐसा कहा जाता है कि ये किला 1500 से 2000 साल पुराना है। यहां चंदेलों, बुंदेलों, खंगार कई शासकों का शासन रहा है । गढ़कुंडार का किला को लेकर महँ लेखक वृंदावनलाल वर्मा ने किताब भी लिखी है। इसमें किताब में भी गढ़कुंडार के कई रहस्य दर्ज किए हैं।

घूमने आई बरात हो गई थी गायब

आसपास के लोग बताते हैं कि काफी समय पहले यहां पास के ही गांव में एक बरात आई थी। बरात यहां किले में घूमने आई। घूमते-घूमते वे लोग बेसमेंट में चले गए।

नीचे जाने पर पूरी बरात गायब हो गई। उन 50-60 लोगों का आज तक पता नहीं चल सका। इसके बाद भी कुछ इस तरह की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं के बाद किले के नीचे जाने वाले सभी दरवाजों को बंद कर दिया गया। ये किला भूल-भुलैय्या की तरह है। अगर जानकारी न हो तो इसमें अधिक अंदर जाने पर कोई भी दिशा भूल हो सकता है। दिन में भी अंधेरा रहने के कारण दिन में भी ये किला डरावना लगता है।

किले में है खजाने का रहस्य

इस खजाने को तलाशने के चक्कर में कितनो की जानें भी चली गई हैं। गढ़कुंडार का किला बेहद रहस्मयी है। कहा जाता है कि इसके बेसमेंट में कई सारे रहस्य अभी भी मौजूद हैं। दो फ्लोर बेसमेंट को बंद कर दिया गया है। खजाने का रहस्य (Secret of Treasure) इसी में छिपा हुआ है। इतिहासकार हरिगोविंद सिंह कुशवाहा बताते हैं कि गढ़कुंडार बेहद  पुरानी रियासत रही है।

यहां के राजाओं के पास कभी भी सोना, हीरे, जवाहरात की कमी नहीं रही। कई विदेशी ताकतों ने खजाने को लूटा। स्थानीय चोर उचक्कों ने भी खजाने को तलाशने के की कोशि‍श की। वो कहते हैं कि इस किले में इतना सोना चांदी है कि भारत जैसा देश भी अमीर हो जाए। यहां चंदेलों, बुंदेलों, खंगारों का कब्जा रहा। किले के नीचे दो मंजिला भवन है। इसी में खजाने का रहस्य है।

Komal Yadav

Komal Yadav

A Writer, Poet and Commerce Student