हमारे देश में राजा-महाराजाओं की ठाठ और उनकी कहानियां हमेशा से ही लोगों को आकर्षित करती आईं हैं. महंगे शौक,बेशुमार दौलत और शाही खजाने के बारे में जानने को हर कोई उत्सुक नजर आता है. लेकिन कभी आपने ऐसा राजा सुना है जिसके पास बेशुमार दौलत हो लेकिन वो एक ही टोपी को 35 साल तक पहने। जहाँ राजा-महाराजा सोने का मुकुट पहनते थे वैसे में ये निजाम 35 साल तक एक ही टोपी पहने हुए था जिसकी सिलाई उखड़ चुकी थी और टोपी में फंफूद लग चुकी थी. इस निजाम के पास इतना पैसा था कि कई पाउंड्स चूहे कुतर जाते थे लेकिन ये खर्च करने से कतराते थे. जी हाँ, हम बात कर रहे हैं हैदराबाद रियासत के सांतवे निजाम मीर उस्मान अली खान (meer osman ali khan ) की.
बिना इस्तरी वाली कमीज और खटारा गाड़ी– हैदराबाद कि रियासत में साल 1911 में गद्दी पर बैठे निजाम meer usman ali khan. ये अव्वल दर्जे के कंजूस थे. यहाँ तक कि इन्हें दुनिया के सबसे कंजूस निजाम का टैग मिला हुआ था. ऐसा नहीं है कि निजाम ये सब इसलिए करते थे की उनके पास पैसा नहीं था. पैसा तो इतना था कि हर साल कई हजार पाउंड के नॉट चूहे कुतर जाते थे लेकिन निजाम meer osman ali khan हमेशा बिना इस्तरी वाली कमीज और मटमैला सा कुर्ता पहन कर रखते थे. मशहूर इतिहासकार ramchandra guha ने अपनी book “india after gandhi’ में इसका जिक्र भी किया हैए. उन्होंने लिखा है कि निजाम meer osman ali khan अव्वल दर्जे के कंजूस थे और इनकी कंजूसी के किस्से पूरी दुनिया में फेमस थे. निजाम meer osman ali khan के पास चमचमाती गाड़ियों की कतारें लगी थी लेकिन ये एक पुरानी खटारा गाड़ी में चला करते थे. लेखक डॉमिनिक लापियर और लैरी कॉलिन्स अपनी किताब ‘फ्रीडम ऐट मिडनाइट’ में लिखते हैं कि 1947 में हैदराबाद के निजाम दुनिया के सबसे अमीर शख्स माने जाते थे लेकिन इससे कहीं ज्यादा उनकी कंजूसी के किस्से चर्चित थे.
चटाई में बैठकर टीन की प्लेट में खाना– निजाम का महल सोने चांदी से भरा हुआ था. कहते हैं कि निजाम के पास इतने सोने के बर्तन थे की वो एकबार में 200 से अधिक लोगों को सोने के बर्तनों में खाना खिला सकता था लेकिन खुद टीन की प्लेट में खाना खाता था. पूरा महल सोने चांदी और हीरों से भरा हुआ था लेकिन निजाम एक सामान्य चटाई में बैठकर खाना खाया करते थे. ये इस अव्वल दर्जे के कंजूस थे कि जब मेहमान इनके घर आता और वो सिगरेट बुझाकर चला जाता तो निजाम साहब फिर से उस सिगरेट को जलाते और पीने लग जाते।
गन्दी झोपड़ी जैसा कमरा- निजाम meer osman ali khan का कमरा किसी गन्दी झोपड़ी जैसा दिखाई देता था. इस कमरे की सफाई साल में केवल एक बार निजाम meer usman ali की सालगिरह पर हुआ करती थी. निजाम meer usman ali के इस कमरे में एक टेबल थी जिसमें 280 कैरेट का हीरा रखा हुआ था जिसका इस्तेमाल पेपर वेट के रूप में किया जाता था. हीरे जवाहरात फर्श पर ऐसे पड़े रहते थे जैसे कोयले के टुकड़ो हो लेकिन निजाम इतने कंजूस थे कि इनका इस्तेमाल करने और किसी को देने से कतराते थे. कहते हैं कि nizam of hyderabad meer osman ali khan के बगीचे में कई सारे ऐसे ट्रक खड़े रहते थे जिनमें सोने के बिस्किट्स भरे रहते थे लेकिन वो कभी नहीं किया करते थे.
गद्दी हथियाए जाने का था डर– इतने अमीर निजाम meer osman ali khan के मन में हमेशा ये डर बना रहता था कि कहीं कोई उसे ज़हर देकर गद्दी ना छीन ले इसलिए निजाम meer osman ali khan हमेशा अपने साथ खाना चखने वाले एक व्यक्ति को लेकर चलते थे. उसके चखने के बाद ही निजाम meer osman ali khan खाना खाते थे.
तो ये थे निजाम meer osman ali khan जिनकी कंजूसी के किस्से आज भी बहुत चर्चित हैं तो आप ये कहानी अपने साथियों को भी पढ़ाइए और कहिए की इतनी कंजूसी अच्छी नहीं भाई.