भारतीय जनता पार्टी को पश्चिम बंगाल में अब वो सारे जरूरी तत्व मिल गए हैं, जो उसे चुनाव लड़ने के लिए चाहिए। भाजपा कोशिश करती है कि उसे हर चुनाव में एक युवराज मिल जाए जिसके दम पर वो पूरा माहौल तैयार कर सके। इसके अलावा आतंकवाद का मुद्दा जरूर छेड़ा जाता है और साथ में एक मुद्दा उस वक्त को देखते हुए उठाया जाता है। जैसे अभी किसान आंदोलन का मुद्दा उठा लिया गया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पश्चिम बंगाल में युवराज मिल गया है और वो है ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी। आम चुनाव और हाल ही में हुए बिहार चुनाव प्रचार को याद कीजिये आसानी से सब समझ में आ जाएगा।
ठीक वैसे ही ऐलान हो गया है कि भाजपा की सरकार बनने के बाद पश्चिम बंगाल में भी लव-जिहाद कानून को लागू कर दिया जाएगा। आप चाहें तो इसे श्मशान-कब्रिस्तान वाली चुनावी बहस से जोड़ कर समझ सकते हैं। अगर बाकी चुनावों की छोड़ दें तो बिहार चुनाव में भाजपा को अपना चुनावी युवराज मिल ही गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव को जंगलराज का युवराज कह कर संबोधित किया था।
दरअसल, नीतीश कुमार ने बिहार में अपने चुनावी मुहिम की शुरुआत ही जंगलराज के आरोप से की थी। ये ठीक वैसे ही है जैसे ममता बनर्जी ने बंगाल में मां, माटी और मानुष का नारा दिया था। अब भाजपा ने ममता बनर्जी को निशाना बनाने के लिए भी एक प्रिंस खोज निकाला है। ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोलते हुए जेपी नड्डा ने अभिषेक बनर्जी को राजकुमार कह कर संबोधित किया है, बिलकुल वैसे ही जैसे कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी या फिर जंगलराज के युवराज तेजस्वी यादव थे।
अभिषेक बनर्जी जेपी नड्डा से पहले तृणमूल कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं की आंख की किरकिरी बने हुए हैं और अब भाजपा नेता बन चुके शुभेंदु अधिकारी भी उन नेताओं में से एक रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी के बागी तेवर की शुरुआत ही अभिषेक बनर्जी और प्रशांत किशोर पर हमले के साथ हुई थी। माना जाता है कि चुनावी मुहिम मैनेज करने के लिए अभिषेक बनर्जी ने ही प्रशांत किशोर का सहारा लिया था। शुभेंदु अधिकारी की ही तरह टीएमसी में काफी नेताओं को ममता से नहीं बल्कि, अभिषेक बनर्जी और प्रशांत किशोर से दिक्कत है।
केंद्र की भाजपा सरकार दिल्ली में डेढ महीने से ज्यादा वक्त से हो रहे किसान प्रदर्शन को कम नहीं कर पा रही है। किसान कड़ाके की ठंड और तेज बारिश में भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं और भाजपा के राजनीतिक विरोधी कह रहे हैं कि सरकार किसान विरोधी हो चुकी है। लेकिन बंगाल में भाजपा किसानों की लड़ाई लड़ने का वादा कर रही है। जेपी नड्डा ने समझाया भी की भाजपा को किसानों की कितनी फिक्र है, हम केंद्र में एक किसान सम्मान कोष लॉन्च करेंगे, भाजपा किसानों के साथ मिलकर बदलाव लाएगी, जब हम सत्ता में आएंगे तो किसानों का विकास होगा।
अगले साल तक भाजपा यूपी, उत्तराखंड और पंजाब के किसानों के हक की लड़ाई लड़ने की ऐसे ही बात करने लगेगी क्योंकि 2022 में ही तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वैसे भी प्रधानमंत्री मोदी तो पहले से ही देश के किसानों से वादा कर चुके हैं कि 2022 तक उनकी आय दो गुनी हो जाएगी। जब किसानों की आय दोगुनी होगी तभी तो इकनॉमी 5 ट्रिलियन का लक्ष्य हासिल करेगी। वैसे भी कुछ ही दिनों में नया बजट आने वाला है।
किसानों की लड़ाई लड़ने के साथ-साथ अगर पश्चिम बंगाल में भाजपा सत्ता में आई तो लव-जिहाद पर भी कानूनी हथौड़ा चलेगा। बिहार चुनाव में इस बार महागठबंधन की सरकार बनने पर पाकिस्तान में पटाखे फोड़े जाने की बात तो नहीं हुई, लेकिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ये जरूर कहा था कि आरजेडी की सरकार बनी तो जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद बिहार तक पहुंच जाएगा। हालांकि, ये बयान आगे नहीं बड़ा। पश्चिम बंगाल में भी ये मुद्दा उठ चुका है और ममता बनर्जी को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में जहां जेपी नड्डा ममता बनर्जी को घेर रहे थे, दिल्ली में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मोर्चा संभाल रखा था।
राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हिंसा को लेकर अपनी रिपोर्ट गृह मंत्री को सौंपी है और राज्यपाल धनखड़ बोले कि बंगाल इकलौता राज्य है जहां राज्य सुरक्षा सलाहकार है। मैं इस बात को जानना चाहता हूं कि वो क्या कर रहे हैं? यहां लगातार बम धमाकों की खबरें आती हैं, उस वक्त वो कहां होते हैं? जो बात जगदीप धनखड़ दिल्ली में बोले वैसी ही बातें जेपी नड्डा, ममता बनर्जी के इलाके में दहाड़ रहे थे, यहां का प्रशासन कानून राज में विश्वास नहीं रखता क्योंकि पिछली बार जब मैं आया था तो डायमंड हार्बर जाते समय जिस तरह से मेरा स्वागत हुआ था और जिस प्रकार से प्रशासन और राजनीतिक दल दोनों के आपसी योजना पूर्वक तरीके से हमला हम सब पर हुआ था, वो सारे देश ने देखा।