
कंट्रोवर्सी की शहजादी कंगना रनौत एक बार फिर से कुछ तुफानी करने वाली हैं। देश में चल रहे हर मुद्दे पर अपनी टांग डालने के लिए मशहूर कंगना हर किसी से भीड़ जाने को भी हमेशा तैयार रहती है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद शिवसेना सरकार और कांग्रेस के खिलाफ जिस तरह से कंगना ने जहर उगला है, उसके बाद से वो खुलकर एक राजनीतिक दल के साथ खड़ी हो गई है। वो दल भाजपा है जो अपने तथाकथित राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का चोला पहन कर अपनी सियासत चमका रही है।
अब कंगना रनौत ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है, दरअसल वो एक फिल्म में इंदिरा गांधी का किरदार निभाने जा रही है। सुनने में बहुत अजीब लगता है ना, जो महिला कांग्रेस के खिलाफ जमकर जहर उगलती है वो ही इंदिरा गांधी के बारे में अच्छी बातें ट्वीट कर रही है, उनका किरदार निभा रही हैं। हालांकि हो सकता है कि ये एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर जैसी प्रोपोगेंडा पर आधारित फिल्म हो।
ये फिल्म इंदिरा गांधी की बायोपिक तो नहीं होगी, लेकिन इसमें उनसे जुड़ी राजनीतिक घटनाओं को दिखाया जाएगा। माना जा रहा है कि इसमें कई और बड़े कलाकार भी हिस्सा लेंगे। इस फिल्म का नाम तो अभी तक पता नहीं चला है। लेकिन फिल्म की कहानी एक किताब पर आधारित है। इस फिल्म को डायरेक्टर और राइटर साईं कबीर बना रहे हैं। ये कंगना के साथ पहले रिवॉल्वर रानी में भी काम कर चुके हैं।
कंगना रनौत के द्वारा एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा गया है कि जी हां, हम प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। स्क्रिप्ट फाइनल स्टेज में है। ये इंदिरा गांधी की बायोपिक नहीं, बल्कि ग्रैंड पीरियड फिल्म है। ये फिल्म मेरी जनरेशन के लोगों को भारत के वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को समझने में मदद करेगी। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्यारे मित्र साई कबीर मेरे साथ इस पॉलिटिकल ड्रामा पर काम कर रहे हैं। इसका निर्देशन मणिकर्णिका फिल्म्स की ओर से किया जाएगा। इसे साई कबीर ने लिखा है। वही इसका निर्देशन भी करेंगे।
इमरजेंसी और ऑपरेशन ब्लूस्टार पर होगा फोकस
माना जा सकता है कि इस फिल्म में इंदिरा गांधी के शासन काल की इमरजेंसी (Emergency)और ऑपरेशन ब्लू स्टार(Operation Blue Star) जैसी घटनाओं को मुख्य रूप से दिखाया जाएगा। इमरजेंसी और ऑपरेशन ब्लू स्टार इंदिरा गांधी के जीवन के 2 सबसे बड़े विवादित मुद्दे रहे हैं। इमरजेंसी के दौरान जिस तरह पूरे देश को बंधक बनाकर मनमानी की गई थी, उसे आज भी लोग भूल नहीं पाते हैं। देश के इतिहास में इमरजेंसी के दौर को ब्लैक पीरियड (Black period)के तौर पर याद किया जाता है। इसी तरह ऑपरेशन ब्लू स्टार में जो कुछ हुआ, उसकी वजह से सिख समुदाय इंदिरा और कांग्रेस के खिलाफ हो गया था। इसी की वजह से इंदिरा गांधी की हत्या तक हो गई थी।
इसमें तो कोई शक नहीं है कि कंगना रनौत फिल्म में इंदिरा गांधी की छवि खराब ही पेश करने की तरफ बढ़ेगी। विवादास्पद मुद्दों को दिखाए जाने के बाद यकीनन देश में बवाल होना भी तय है और कांग्रेस इतनी आसानी से अपनी पार्टी की इतनी बड़ी नेता की नकारात्मक छवि को पेश नहीं करने देगी। इस बार इस फिल्म का विरोध कांग्रेस के द्वारा किया जाएगा, हर बार दक्षिणपंथी लोग करते हैं लेकिन इस बार कांग्रेस करेगी। फिल्म बैन करने की मांग होगी। केस दर्ज कराए जाएंगे, लेकिन तबतक इसका आर्थिक और राजनैतिक फायदा जिसे जितना चाहिए उसे मिल चुका होगा।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आसपास एक फिल्म आई थी द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर, ये फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू की किताब पर आधारित थी। फिल्म में संजय बारू का किरदार अक्षय खन्ना ने किया था और मनमोहन सिंह का रोल करने वाले अनुपम खेर थे।
इस फिल्म के जरिए मनमोहन सिंह की कमजोर छवि पेश की गई थी। इसमें दिखाया गया था कि सोनिया गांधी उनको डिक्टेट किया करती थी और मनमोहन सिंह सोनिया के कठपुतली थे। इस तरह चुनाव के आसपास ऐसा माहौल बनाया गया कि देश को कठपुतली नहीं मोदी जैसा पीएम चाहिए। अब ऐसा ही कुछ कंगना रनौत की आने वाली फिल्म से भी उम्मीद की जा सकती है कि फेक नैरेटिव चला कर फिल्म के जरिये राजनीति साधी जाए।