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जिन हेल्थ वर्कर्स पर फूल बरसाएं थे, आज उन्हीं पर बरस गई लाठियां

राज्य में आंदोलन कर रहे कई हेल्थ वर्कर्स पर लाठीचार्ज किया गया है और इसमें उन पर गंभीर चोटें भी आई हैं कई प्रदर्शकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है।
Logic Taranjeet 5 December 2020

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के शुरुआती वक्त में कोरोना से लड़ रहे योद्धाओं के सम्मान में ताली और थाली बजवाई थी, लेकिन अब उन्हीं की सरकार इन योद्धाओं लाठी बरसा रही है। दरअसल राज्य में आंदोलन कर रहे कई हेल्थ वर्कर्स पर लाठीचार्ज किया गया है और इसमें उन पर गंभीर चोटें भी आई हैं तो वहीं कई प्रदर्शकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। इस घटना के बाद विपक्षी दल भी सरकार पर हमलावर हो गए है।

क्या है पूरा मामला?

नियमित नौकरी की मांग को लेकर करीब 500 हेल्थ वर्कर्स मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में बीते 3 दिनों से धरने पर बैठे हुए थे। पुलिस ने इन प्रदर्शनकारी चिकित्साकर्मियों पर जमकर लाठीचार्ज किया और प्रदर्शन स्थल से खदेड़ दिया। हेल्थ वर्कर्स के मुताबिक कोरोना संकट के दौरान राज्य सरकार ने अप्रैल 2020 में 6000 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को 3 महीने के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया था। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण का खतरा देख दो बार और इनके कॉन्ट्रैक्ट को बढ़ाया गया। यानी कुल मिलाकर 9 महीने का कॉन्ट्रैक्ट हो गया। अब 31 दिसंबर को इन स्वास्थ्य कर्मियों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो रहा है, जिसे लेकर हेल्थ वर्कर्स राज्य सरकार से सेवा बहाली और नौकरियों के नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।

15 हेल्थ वर्कर्स को चोट लगी

प्रदर्शनकारी कई दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन मामले ने तब तूल पकड़ा जब पुलिस नीलम पार्क पहुंची और उनसे जगह खाली करने को कहने लगी। हेल्थ वर्कर्स जब अपनी बात पर डटे रहे, तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान करीब 15 हेल्थ वर्कर्स को चोट भी लगी है और 47 को हिरासत में लिया गया है, जिनमें से 15 को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के कई सारे वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।

प्रदर्शनकारी हेल्थ वर्कर्स का आरोप है कि प्रदेश में अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है फिर भी लगातार स्वास्थ्य कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। जबकि पिछले दिनों राजधानी में खुद स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने उन्हें भरोसा दिया था कि उनकी सेवा समाप्त नहीं की जाएगी। उनका कहना है कि प्रदेश में कोरोना की रोकथाम के लिए उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात काम किया है। भूखे-प्यासे रह कर तमाम कठिनाईयों को झेलते हुए मरीजों की देखभाल की है, बावजूद इसके राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा अकारण सेवा से निकाल दिया गया है।

आंदोलनकारी हेल्थ वर्कर्स का कहना है कि वो नीलम पार्क में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने मौके पर उनकी पिटाई की जिसमें आधा दर्जन महिला डॉक्टर और नर्स घायल हुए हैं। यहां तक की एक गर्भवती महिला को भी मारा गया है। इसके बाद पुलिस कई प्रदर्शनकारियों को वाहन में भरकर ले गई। जिसमें से कुछ को बाद में छोड़ा गया, तो वहीं कुछ को गिरफ्तार किया गया है।

कमलनाथ ने किया सरकार पर हमला

मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कोरोना वॉरियर्स पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए दोषियों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की मांग की। कमलनाथ ने ट्वीट किया कि जहां एक तरफ विश्व भर में कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया जा रहा है, उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार उन पर बर्बर तरीके से लाठियां बरसा रही हैं। ये घटना बेहद निंदनीय और मानवीयता व इंसानियत को शर्मसार करने वाली है। कमलनाथ ने मांग की कि लाठीचार्ज के दोषियों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई हो और हेल्थ वर्कर्स की मांगों पर सहानुभूति के साथ फैसला लिया जाए।

गौरतलब है कि अभी कुछ दिनों पहले ही देश ने किसानों के आंदोलन पर पुलिस की बर्बता देखी गई थी। इससे पहले सीएए और एनआरसी के विरोध में छात्रों और प्रदर्शनकारी लोगों पर लाठीचार्ज की आलोचना हुई थी। अब कोरोना योद्धाओं पर भी जमकर पुलिस की लाठियां बरस गई है। कोरोना के मुश्किल समय में उनके योगदान को याद करते हुए भाजपा को अपने पर काबू रखना होगा और थोड़ी इंसानियत जगाने की जरूरत है। जिस तरह से हर किसी के विरोध को दबाने का चलन देश में चल रहा है वो इस देश के लिए खतरनाक है।

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.