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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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#BoycottChina में कितनी राजनीति है, इसे समझिए जरा आप

#BoycottChina या #BoycottChineseProducts का ट्रेंड चलाने में कहीं आप भी तो व्यस्त नहीं हैं? अगर हैं तो पहले आइये इस बाबत आपका ध्यान थोड़ा केंद्रित करते है।
Logic Taranjeet 7 June 2020
#BoycottChina में कितनी राजनीति है, इसे समझिए जरा आप

#BoycottChina या #BoycottChineseProducts का ट्रेंड चलाने में कहीं आप भी तो व्यस्त नहीं हैं? अगर हैं तो पहले आइये इस बाबत आपका ध्यान थोड़ा केंद्रित करते है। भारत और चीन का रिश्ता उन रिश्तेदारों की तरह है जो एक दूसरे को बिलकुल भी पसंद नहीं है लेकिन रिश्ता निभाना मजबूरी है। अभी हाल ही में चीन को कोरोना वायरस फैलान का दोषी माना जा रहा है, हो भी सकता है चीन ने ही जानबूझकर कोरोना वायरस फैलाया हो। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं कर सकते, क्योंकि वो क्या है न हम रात को 9 बजे टीवी चैनल पर आने वाले एंकर नहीं है। जो तुरंत फैसला सुना दें, हां लेकिन हम ये भी नहीं कहेंगे कि चीन ऐसा नहीं कर सकता है।

कोरोना के बाद चीन और भारत की सीमाओं पर भी तनाव बढ़ने लगा, लद्दाख, सिक्किम की सीमाओं पर तनाव की खबरें मीडिया में जोर पकड़ने लगी। जिसके बाद भारत में सबसे पसंदीदा चीज शुरु हो गई, यानी की #Boycottchina. लेकिन एक बात गौर करने की है कि क्या भारत असल में इतना सक्ष्म है कि वो चीन के बिना आगे बढ़ सकता है। अगर सोचें तो हां भारत कर सकता है, लेकिन क्या अभी हम तैयार है? तो इसका जवाब होगा नहीं।

अब अगर देखें तो पूरी दुनिया में महामारी होने के बाद भी चीन को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। पूरी दुनिया में अमेरिका को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है जो चीन का सबसे बड़ा दुश्मन और प्रतियोगी है। उसके बाद रूस, इटली, यूके, जर्मनी, जैसे बड़े देशों को हुआ है। वहीं एशिया में भारत को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है तो बात साफ है न कि चीन ने दुनिया के हर छोड़ पर नुकसान पहुंचाने के इरादे से कोरोना फैलाया हो।

क्या क्या होता है आयात?

भारत चीन से सैंकड़ों वस्तुओं का निर्यात करता है, इसके अलावा न जानें कितनी भारतीय कंपनियों में चीनी कंपनियों की फंडिंग है। उदाहरण के लिए आप पेटीएम ही ले लीजिये, कहने को तो ये एक भारतीय ऐप है, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा 42 फीसदी की फंडिंग अलीबाबा ग्रुप की है जो कि एक चीनी कंपनी है। ऐसी सैंकड़ों कंपनियां है जो या तो चीन में भी अपना बिजनेस करती है या फिर चीन की बड़ी कंपनियों से फंडिंग लेकर भारत में बिजनेस कर रही है। इतना ही नहीं जो चीनी कंपनियां भारत में बिजनेस कर रही हैं उनमें लाखों की संख्या में भारतीय लोग काम करते हैं। ये कंपनियां रोजगार के अवसर दे रही है, ऐसे में अगर इन कंपनियों का बोरिया बिस्तरा पैक हो गया तो समझ लो कि उन लाखों लोगो की नौकरियां भी चली जाएंगी।

अगर बात करें निर्यात की तो तमाम मोबाइल फोन से लेकर लैपटॉप, मेटल, ट्रांस्पोर्ट, खिलौने, दवाईयां, लाइट समेत अन्य सभी तरह के इलैक्ट्रोनिक डिवाइस चीन से आते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत चीन से लगभग 50 बिलियन डॉलर का आयात करता है तो वहीं लगभग 3 बिलियन डॉलर का निर्यात करता है। भारत की तरफ से चीन को कृषि संबंधित सामान, कपड़ा, लौहा निर्यात करता है। तो इन आंकड़ों से हम समझ पा रहे हैं कि मौजूदा स्थिति में कितना ज्यादा भारत चीन पर निर्भर करता है।

क्या छुपाने की हो रही है कोशिश

ऐसे में एक बात सोचने वाली है कि ये अचानक से क्यों पाकिस्तान, नेपाल, चीन का मुद्दा हम लोगों के दिमाग में घुसा दिया गया है। क्या कुछ है जो सरकार और बड़े-बड़े मीडिया संस्थान हम लोगों से छुपाना चाह रहे हैं? जी हां ये सरकार की नाकामयाबी को छुपाने का एक जरिया है। दरअसल सरकार अब धीरे-धीरे मान रही है कि कोरोना की जंग वो हार चुकी है, लेकिन वजीर-ए-आजम इस बात को मान नहीं सकते आखिर बात 56 इंची सीने की जो है। ऐसे में जब लोगों के दिमाग में कोरोना आएगा ही नहीं तो लोग कोरोना के बारे में बात नहीं करेंगे और बात नहीं करेंगे तो सरकार पत्ली गली से निकल लेगी।

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दरअसल चीन को बीच में लाना भाजपा की मोदी सरकार के लिए काफी जरूरी है। क्योंकि आने वाला वक्त चुनावों से भरा हुआ है। अक्टूबर के आस-पास बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और फिर बंगाल में भी तो चुनाव है। इन दोनों राज्यों की राह भाजपा के लिए काफी कठिन होने वाली है। तभी अगर आप देखते होंगे तो ध्यान देना कि सबसे ज्यादा राजनीतिक गतिविधियां इन्हीं दोनों राज्यों में हो रही है। बयानबाजी से लेकर आरोप-प्रत्यारोप तक का खेल हो रहा है। क्योंकि जितना हम समझ सकें हैं वो तो यही है कि प्राण जाएं पर सत्ता न जाएं, तो बिहार में भाजपा-जेडीयू की सरकार का तो कुछ ऐसा ही करना है।

क्या मोदी जी कि मर्जी के बिना हो रहा है #boycottchina

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को आत्मनिर्भर बनने की सलाह देते हैं। लेकिन साफ तौर पर ये भी नहीं कहते कि आप चीन का सामान इस्तेमाल न करें, वो हमारा दुश्मन है। लेकिन आत्मनिर्भर बनने की बात कह कर लोगों को कह भी देते हैं और जो मासूम लोग उनका इशारा नहीं समझ पाएं थे उनके लिए सोशल मीडिया तो है ही। साथ ही व्हॉट्सऐप युनिवर्सिटी भी तो है। मोदी जी खुद नहीं कहते की चीन का सामान मत लो क्योंकि फिर हम जैसे कुछ सरकार से सवाल करने वाले लोग उन्हें कहेंगे कि आप ही बैन कर दो न, अगर सामान बैन होगा तो आएगा नहीं और आएगा नहीं तो बिकेगा भी नहीं। अगर मोदी जी ऐसा कह देंगे तो फिर दोनों देशों में दरार आ जाएगी, इसलिए #boycottchina को ट्विटर पर ट्रेंड करवा दिया जाता है, फेसबुक पर आईटी सेल को लगा दिया जाता है ताकि ये दिखाया जा सके कि हम तो कुछ नहीं कर रहे, जो कर रही है जनता कर रही है। तो इससे सांप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी।

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A writer, poet, artist, anchor and journalist.