Headline

सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

TaazaTadka

जाने क्यूं बौखलाई ममता ? ममता का बंगाली राजनीतिक किला कहीं ढह न जाए

Politics Tadka Nikita Tomar 5 February 2019
why-tension-mamata-political-career-bjp-yogi-hindu-west-bangal

सीबीआई और कोलकाता के विवाद के चलते ही सही लेकिन बंगाल में ममता बनर्जी ने अपने और बीजेपी सरकार के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सियासी बिगुल बजा दिया है…दरअसल ममता बनर्जी का राजीव कुमार को बचाने की कोशिश में इस तरह सामने आना साफ जाहिर करता है कि ऑफिसर राजीव कुमार उनके कितने खास होंगे…और फिर अचानक उनसे हुई पूछताछ ममता से बर्दाश्त नहीं हो पाई जिससे उन्हें इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा और रात में ही धरने पर बैठना पड़ गया…फिर मामला बंगाल के सबसे बड़े घोटाले चिटफंड का था जिसमें करोडों लोगों को इसकी वजह से नुकसान उठाना पड़ा…

देखा जाए तो संविधान को बचाने की नाव राजनीतिक गलियारों में आए दिन तैरती रहती है…इसपर सीएम ममता बनर्जी ने भी खूब दावा किया…बंगाल से लेकर कई राज्य से तथाकथित महागठबंधन के उनके साथियों ने इसका जोरों से समर्थन भी किया…औऱ राजनीतिक भावनाओं का समंदर ममता के पक्ष में उमड़ आया…हां लेकिन यहां विपक्ष को एकजुट करने में ममता की राजनीति का दम फिर एक बार दिखने में कामयाब रहा…

ममता की बौखलाहट की क्या है वजह?

दरअसल देखा जाए तो बंगाल में अब बीजेपी ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है…पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह फिर पीएम नरेन्द्र मोदी की रैली में जो जनसैलाब उमड़ा उसकी चिंता ममता को सताने लगी…फिर क्या था इसी के चलते बीते दिनों उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली के लिए उनके हैलीकॉप्टर को बंगाल में उतरने ही नहीं दिया गया…इससे साफ दिखता है कि ममता की रणनीति की पहली योजना थी कि बीजेपी के धुरंधर नेताओं को रैलियां करने से रोका जाए…लेकिन फिर भी वे सभा को संबोधित करने देने में कामयाब नहीं हो पाई और योगी आदित्यनाथ ने फोन पर ही रैली को संबोधित कर दिया…और तो और अगली रैली के लिए झारखंड औऱ बिहार की सीमा पर अपना हैलीक़ॉप्टर उतारा ताकि इसबार ममता का कोई प्लान काम न कर पाए…

और फिर बीजेपी नागरिकता संसोधन बिल के जरिए बंगाल में रहने वाले बांग्लादेशी हिन्दुओं को रिझाने का भरपूर प्रयास कर रही है…जो कि सीएम ममता बनर्जी के लिए सबसे बड़ी अड़चन बन रही है…याद हो कि वामपंथियों की सरकार को उखाड़ने के बाद ही ममता 2011 में बंगाल की मुख्यमंत्री बनी थी…

बीजेपी की क्या है मंशा ?

दरअसल बीजेपी बंगाल में हिन्दु वोटों का ध्रुवीकरण चाहती है…औऱ बीजेपी असम में अपना प्रोजेक्ट लॉंच करने में कामयाब भी रही है…बस इसी का डर बंगाल सीएम ममता बनर्जी को सता रहा है…और वे सीबीआई बनाम पुलिस की आड़ में ये गेम अपने राजनीतिक किले को बचाने के लिए खेल रहीं हैं… इसी वजह से ममता ने कोहराम मचाने में देर नहीं की…और फिर उनके ऐसा करने से उनके पक्ष में विपक्ष कितनी मजबूती से खड़ा है ये भी साबित होता है…

साफ बात ये कि 100 दिन बात राजनीतिक प्रसाद की अमृत वर्षा होने वाली है उससे पहले सभी राजनीतिक के दिग्गज अपने हिस्से को मजबूत करने में लगे हुए हैं…फिर भला उसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कैसे शांत रह सकती हैं.

अगर बंगाल की राजनीति में मची हड़कंप पर गौर किया जाए तो ये सिर्फ एक बौखलाहट से ज्यादा और कुछ नहीं दिख रही…जहां एक ओर पीएम नरेन्द्र मोदी प्रणव मुखर्जी को बंगाल से जोड़कर वहां के लोगों में उनके नाम से बंगाली अस्मिता जगा रहें हैं…वहीं दूसरी ओर बीजेपी की राजनीति में चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह औऱ हिन्दुत्व की मजबूत छवि वाले योगी आदित्यनाथ हिन्दु राष्ट्रवाद को जगा रहें हैं…जिसकी वजह से ममता बनर्जी को अपने किले के ढह जाने की चिंता सता रही है…देखा जाए तो इस बार बीजेपी उत्तर भारत की अपनी राजनीतिक हानि को पूरा करने में लगी हुई है.

Nikita Tomar

Nikita Tomar

Journalist | Content Writer