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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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एक झगड़े की वजह से राजनीति में आए थे योगी, कूद गए थे SSP आवास की दीवार

पुलिस की कार्रवाई से नाराज युवा सन्यासी योगी आदित्यनाथ ने पूरे शहर में प्रदर्शन किया और दुकानदार पर कार्रवाई की मांग करते हुए एसएसपी आवास की दीवार में चढ़ गए और दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे.
एक झगड़े की वजह से राजनीति में आए थे योगी, कूद गए थे SSP आवास की दीवार

बात साल 1994 की है. मार्च का महीना और जा रही सर्दियों से मौसम गर्म होने लगा था लेकिन इसी दौरान गोरखपुर के गोलघर में एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे शहर का पारा और गर्म कर दिया। गोरखपुर शहर के मुख्य बाजार गोलघर में कुछ छात्र कपड़े खरीदने जाते हैं. मोलभाव करते वक्त दुकानदार से उनका झगड़ा हो जाता है. बात तनातनी तक पहुंच जाती है और दुकानदार रिवॉल्वर निकाल लेता है. इसके बाद दुकानदार दो राउंड फायरिंग करता है और वहां भगदड़ मच जाती है. किसी को क्या ही पता था कि इस घटना का सीधा संबंध भविष्य में यूपी की राजनीति से होने वाला है. आखिर कैसे, आइए बताते हैं.

एक युवा सन्यासी का रौद्र रूप-

दुकानदार की फायरिंग के बाद गोलघर में भगदड़ मच जाती है और लड़के भी वहां से निकल लेते हैं. दरअसल ये लड़के गोरखनाथ मंदिर की तरफ से संचालित होने वाले कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे और प्रताप आवास इनका ठिकाना था. व्यापारी की शिकायत पर पुलिस प्रताप आवास पहुंच जाती हैं और इससे हर तरफ आक्रोश फ़ैल जाता है.

अगले दिन प्रताप आवास में मौजूद एक सन्यासी जो उस दिन गोलघर में भी मौजूद था लड़कों को एकसाथ लेकर पूरे शहर में प्रदर्शन करता है. उस दिन उस युवा सन्यासी का रौद्र रूप दिखाई दिया जिसका नाम था योगी आदित्यनाथ। वो लड़का जिसका नाम अभी कुछ दिनों पहले तक ajay singh bisht था और हाल ही में दीक्षा लेकर वो योगी आदित्यनाथ बना था. इस प्रदर्शन ने योगी को एक एंग्री यंग मैन बना दिया।

एसएसपी आवास की दीवार चढ़ गए थे योगी-

पुलिस की कार्रवाई से नाराज युवा सन्यासी योगी आदित्यनाथ ने पूरे शहर में प्रदर्शन किया और दुकानदार पर कार्रवाई की मांग करते हुए एसएसपी आवास की दीवार में चढ़ गए और दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. इस घटना ने योगी आदित्यनाथ को एक नेता बना दिया था.

कमजोर होती बाहुबलियों की पकड़-

गोरखपुर हमेशा से ही बाहुबलियों का शहर रहा है. साल 1994 वो समय था जब गोरखपुर के दो बाहुबलियों वीरेंद्र प्रताप शाही और हरिशंकर तिवारी की पकड़ कमजोर हो रही थी. इसका सीधा फायदा योगी आदित्यनाथ को मिला और छात्र उनसे जुड़ते चले गए. गोरखपुर विश्वविद्यालय के सवर्ण छात्र नेताओं को इस ‘एंग्री यंग मैन’ में हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे महंत दिग्विजयनाथ की ‘छवि’ दिखी और योगी के समर्थन में लोग आगे आते गए.

गुरु गोरखनाथ पर शोध करने आए थे योगी-

5 जून, 1972 को उत्तराखंड (तत्‍कालीन उत्‍तर प्रदेश) के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचुर गांव में योगी आदित्‍यनाथ का जन्‍म हुआ था। गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में जन्‍मे योगी सात भाई-बहन हैं। हेमवतीनंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद वो गोरखपुर आ गए जहाँ से उनका जीवन बदल गया और राजनीति में आ गए.

26 की उम्र में बने सांसद-

योगी आदित्यनाथ ने 15 फरवरी 1994 को नाथ संप्रदाय के सबसे प्रमुख मठ गोरखनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली थी. इसके चार साल बाद ही वो अपने गुरु के राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बन गए. साल 1998 में बीजेपी के टिकट से योगी गोरखपुर के सांसद बने और उस समय उनकी उम्र महज 26 वर्ष थी. इसके बाद साल 2017 में यूपी के सीएम बने और इसके साथ ही बन गए देश के सबसे ताकतवर व्यक्तियों में से एक.

 

image from- yogiaditynath.in

मुकदमे, क्लीन चिट और विवाद-

साल 2002 में योगी आदित्यनाथ में ‘hindu yuva vahini का गठन किया। संगठन से बहुत तेजी से विस्तार करना शुरू किया। हिंदू युवा वाहिनी के खाते में गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर से लेकर मउ, आज़मगढ़ तक मुसलमानों पर हमले और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के दर्जनों मामले दर्ज हुए. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हुए.

पंचरूखिया कांड में आया योगी का नाम-

बात तब की है जब सूबे में कल्याण सिंह की सरकार थी. एक दिन आदित्यनाथ के काफ़िले से चली गोली में सपा नेता तलत अजीज के गनर की मौत हो गई. मामला बहुत गरमा गया और पूरे प्रदेश में इसका खूब हल्ला कटा. मामला सीबीसीआईडी को सौंपा गया और उसने जांच में योगी को क्लीन चिट दे दी. इसके बाद कुशीनगर ज़िले में साल 2002 में मोहन मुंडेरा कांड हुआ, जिसमें एक लड़की के साथ कथित बलात्कार की घटना को मुद्दा बनाकर गांव के 47 अल्पसंख्यकों के घर में आग लगा दी गई. ऐसी घटनाओं की एक लंबी फ़ेहरिस्त है लेकिन किसी में योगी के ख़िलाफ़ न तो रिपोर्ट दर्ज हुई, न उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई हुई.

इस समय प्रदेश में बसपा की सरकार थी लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं हुई. वैसे बसपा के नेता उनपर साम्प्रदायिक भाषण देने का आरोप अक्सर लगाते रहते थे. ये वो समय था जब योगी की बनाई हिन्दू युवा वाहिनी का जलवा बहुत था. साल 2002 में जब गुजरात में काण्ड हुआ था तब हिन्दू युवा वाहिनी ने गोरखपुर बंद का आह्वान करते हुए एक सभा भी की थी.

सभा में ‘एक विकेट के बदले दस विकेट गिराने’ और ‘हिंदुओं से अपने घरों पर केसरिया झंडा लगा लेने की बात कही गई ताकि पहचान हो सके कि किन घरों पर हमला करना है.’ इनके समर्थक एक समय पर कहने लगे थे कि अगर गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना है. इसके बाद यह नारा जल्द ही ‘पूर्वांचल योगी योगी कहना है’ में तब्दील हो गया.

 

souce- yogiaditynath.in

गिरफ्तार हुए योगी-

बात 2007 की है. एक युवक की हत्या से गुस्साए हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं पर एक मजार में आग लगाने का आरोप लगा. इसके बाद माहौल इतना गर्म हो गया कि प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा लेकिन बंद होने के बाद भी योगी ने भाषण दिया। उत्तेजक भाषण देने के आरोप में 28 जनवरी 2007 को इनको गिरफ़्तार कर लिया गया. योगी की गिरफ़्तारी करने वाले डीएम और एसपी को मुलायम सिंह सरकार ने दो दिन में ही सस्पेंड कर दिया। कहा जाता है कि योगी की गिरफ़्तारी के हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने आगजनी और तोड़फोड़ की और दो लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद हियुवा पर सख्ती हुई जिसका जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ सदन में रोए थे.

फिर बने सीएम-

योगी आदित्यनाथ अब बीजेपी के सबसे फायर ब्रांड नेता बन गए थे. यूपी में उनका नाम लिया जाने लगा था. इसके बाद साल 2016 मार्च में गोरखनाथ मंदिर में हुई भारतीय संत सभा की चिंतन बैठक में आरएसएस के बड़े नेताओं की मौजूदगी में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया गया.

योगी सीएम बन गए और एक बार फिर से सीएम बनने के प्रयास में हैं. हिन्दुओं का रुझान बीजेपी के प्रति बढ़ाने का एक बड़ा श्रेय लोग योगी को देते हैं.

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.