उत्तर प्रदेश में चुनाव (UP Election 2022) की घोषणा होते हुए सियासी दलों में बौखलाहट तेज सभी राजनीतिक दल कुर्सी को प्राप्त करने के लिए जोड़ो तोड़ो की राजनीति को अपनाने में कोई कसर नही छोड़ रहे है , राजनीति की मूलतः परिभाषा साम , दाम , दंड , भेद की राजनीति को अपनाते हुई चुनाव में अपने पूरे नीति के साथ उतर रहे है , सभी राजनीतिक दल जातिगत राजनीति से लेकर क्षेत्रगत राजनीति का ध्रुवीकरण करने में अपना कोई कसर नहीं छोड़ रहे है , चुनाव का ऐलान होते हुए ही राजनीतिक दल अपना प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी में जुट गए है।
इन्ही नीतियों को आगे बढ़ाते हुए शनिवार को भाजपा (BJP) नेता ने एक बार फिर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) से उनके घर पर जाकर मुलाकात कर सियासी कयासबाजीयो (political speculation) को बल दे दिया है।
इस मुलाकात से एक बार फिर उत्तर प्रदेश के सियासत में बड़े राजनीतिक उठा पटक की कयास लगाई जा रही है , इस मुलाकात के बाद खुद ब खुद दयाशंकर सिंह (Daya shankar singh) ने मुलाकात की पुष्टि करते हुए साफ साफ बोल दिया है कि मुलाक़ात के साथ साथ Political Discussion भी हुआ है । दयाशंकर सिंह की कुछ महीनों के अंदर राजभर से यह तीसरी मुलाकात है जिससे राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात से काफ़ी उठा पटक मचा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के पिछले चुनाव में ही राजभर ने भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव भी लड़ा था और भाजपा को बहुत सीटो पर मजबूत भी किया था , इसको ध्यान में रखते हुए ही भाजपा ने सुभासपा को आठ सीट भी दिया था जिसमे सुभासपा ने चार सीट पर जीत भी हासिल किया था , पूर्वांचल व बुंदेलखंड में ओमप्रकाश का राजभर समाज मे काफी अच्छा पकड़ भी है दो दर्जन से ज्यादा जिलों के सीटो पर राजभर समाज का मत चुनाव में काफी निर्णायक भी है इन्ही सब जातिगत राजनीति को साधते हुए एक बार फिर भाजपा सुभासपा के साथ चुनाव में उतरने के लिए ओमप्रकाश को अपने खेमे में लेने के लिए प्रयासरत है ।
अब देखना दिलचस्प होगा कि ओमप्रकाश राजभर सपा के साथ गठबंधन को आगे बढ़ाते है या एक बार फिर भाजपा के साथ होकर भगवा को धारण करते है।