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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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ब्राह्मण वोट की आड़ में सियासत कर रहे है अखिलेश क्या इससे होगा सपा का बेडा पार?

यहाँ अखिलेश यादव ब्र्हामण वोट पाने के लिए अपने एक हाथ में परशुराम जी का फरसा और दूसरे हाथ में भगवान श्री कृष्ण का सुदर्शन चक्र लेकर खड़े दिखे।
ब्र्हामण वोट की आड़ में सियासत कर रहे है अखिलेश क्या इससे होगा सपा का बेडा पार

UP Election 2022 के पहले इन नेताओं से कुछ भी करवालो यार ये लोग कुछ भी करने के लिए तैयार है। क्योंकि इन सभी को पता है की अगर वोट चाहिए तो करना तो पड़ेगा ही ना यार। यही बात को मानते हुए हमारे बकलोल अखिलेश यादव जी परशुराम का फरसा लेकर ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश कर रहे है अब इन्हे कौन बताये की फरसा हाथ में लेने से कुछ नहीं होने वाला है। भैया जी कुछ अच्छे काम करलो वर्ना आपकी दाल गलना मुश्किल है।

हाथ में फरसा लेकर क्या अखिलेश बउआ ब्रहमणों को रिझा पाएंगे ?

जी, उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 से पहले सभी ब्राह्मण मौजूदा सरकार से थोड़ी खफा है। ऐसे में सपा के प्रमुख नेता अखिलेश यादव ने बाजी मरने के उदेश्य से लखनऊ के गोसाईगंज में लगी भगवान परशुराम की मूर्ति और उस मूर्ति के दर्शन करने पोहंचे। अखिलेश ने वहां पूजा अर्चना भी और उसके बाद चुनाव का बिगुल बजाया। यहाँ अखिलेश यादव ब्र्हामण वोट पाने के लिए अपने एक हाथ में परशुराम जी का फरसा और दूसरे हाथ में भगवान श्री कृष्ण का सुदर्शन चक्र लेकर खड़े दिखे।

परशुराम के बहाने ठाकुर और ब्राह्मण के बीच जो फुट डाल रहे है बउआ

अब अखिलेश ब्राह्मण समाज के साथ मिलकर सपा सरकार बनाना चाहते है। बउआ भगवान परशुराम के बहाने ठाकुर और ब्राह्मण के बीच जो फुट डाल रहे है उससे योगी कैसे बचेंगे। अखिलेश की रणनीति से ब्र्हामण वोट कितने प्रभावित होंगे ये तो अब चुनाव के परिणाम से पता चल ही जायेगा लेकिन क्या ये सब करके अखिलेश ब्र्हामण समाज में अपना वर्चश्व बना पाएंगे की एक बार फिर ब्र्हामण वोट मौजूदा सरकार को मौका देगी।

अखिलेश बउआ वोट लेने के लिए अच्छे काम भी करने पड़ते है बस हाथ में फरसा और सुदर्शन चक्र लेकर आपको वोट नहीं मिलेगा समझ रहे हो ना। अब कुछ काम भी करलो भगवान के नाम पर सियासत के दावं मत खेलो। वर्ना सत्ता तो क्या सत्ता के सपने देख के भी डर जायेंगे।

Komal Yadav

Komal Yadav

A Writer, Poet and Commerce Student