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सिक्खों के गुस्से से डरी दिल्ली पुलिस, थाने से बाहर आने के लिए बुलाया सीआरपीएफ

Politics Tadka Sandeep 18 June 2019
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पिछले दो दिनों से देश में एक घटना ने काफी शोर मचाया हुआ है. देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस का बर्बर चेहरा सामने आया है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दिल्ली पुलिस के कुछ जवान और एक ऑटो चालक बुजुर्ग सिक्ख सरबजीत सिंह खालसा के बीच झड़प हुई थी. इस ऑटो ड्राइवर ने झड़प के बीच में ही कृपाण निकाल लिया और पुलिस वालों पर झपट पड़ा. इसके बाद दिल्ली पुलिस के जवानां ने बुजुर्ग और उसके बेटे की बेरहमी से पिटाई कर दी. मामला मुखर्जी नगर का है. घटना के बाद से ही इलाके में तनाव का माहौल खड़ा हो गया है.

दिल्ली पुलिस की जिम्मेवारी किसकी

दरअसल दिल्ली एक ऐसा राज्य है जिसे आज भी पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल नहीं है. यहां की पुलिस को दिल्ली की राज्य सरकार नहीं बल्कि केंद्रीय गृह मंत्रालय देखता है. वर्तमान में देश के गृह मंत्री अमित शाह हैं. यानी कि दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी अमित शाह के पास है. पुलिस अत्याचार के बुजुर्ग ऑटो ड्राइवर के परिजनों का साफ साफ कहना था कि जब भारतीय फौज की बहादुरी पर श्रेय प्रधानमंत्री को दिया जा सकता है तो दिल्ली पुलिस की दरिंदगी पर अमित शाह मौन क्यों हैं ? क्या उनकी कोई जिम्मेवारी नहीं बन रही ?

आक्रोश में समुदाय, भाजपा विधायक की पिटाई

सरबजीत सिंह खालसा की पिटाई के बाद दिल्ली का सिक्ख समुदाय ठंडा होने का नाम ही नहीं ले रहा है. कल दिन भर सिक्ख समुदाय के लोग मुखर्जी नगर थाने के बाहर नारेबाजी करते रहें. सिक्खों का साफ कहना था कि दरिंदगी करने वाले पुलिस वालों को हमारे हवाले किया जाए. मामले में बीच बचाव करने वाले भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ भी नौजवानों ने मारपीट की. ये बवाल रात भी चलता रहा. इस बवाल में आग में घी का काम किया पुलिस के एफआईआर ने. दिल्ली पुलिस ने सरबजीत के विरुद्ध कई धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया.

अर्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात

आक्रोशित भीड़ को काबू करने के लिए दिल्ली में अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां तैनात कर दी गई है. पहले से मुखर्जी नगर थाने के बाहर सीआरपीएफ की दो टुकड़ियां तैनात थी. तीन टुकड़ियां और लगा दी गई है. हैरानी की बात रही कि रात भर बारिश होती रही लेकिन सिक्खों की भीड़ कम नहीं हुई. स्थिति यह बनी हुई है कि पुलिसकर्मी मुखर्जी नगर थाने से बाहर निकलने से भी डर रहे हैं. पुलिस वालों को देखते ही भीड़ उन पर टूट पड़ रही है.

आज गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में बैठक

रात भी बवाल हुआ लेकिन उसके बाद भी मामला ठंडा नहीं पड़ रहा है. आज दिल्ली की सिक्ख संगतों ने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में एक विशाल बैठक बुलाई गई है जिसमें दिल्ली पुलिस के साथ सीधा संघर्ष का ऐलान किया जा सकता है.

हालांकि इस मामले के आरोपी तीन पुलिसकर्मियां को सस्पेंड कर दिया गया है. बताते चलें कि दिल्ली के अधिकांश सिक्ख कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं. ऐसी मान्यता है कि दिल्ली का सिक्ख समुदाय लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोटिंग करता है. इस वजह से आंदोलन और तेज होता जा रहा है क्योंकि इन दोनों दलों के सिक्ख नेता लगातार इस मामले पर मुखर है और जब भाजपा के विधायक आंदोलन के बीच पहुंचे तो उनके साथ नौजवानों ने हाथापाई शुरु कर दिया है.

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरबजीत सिंह के घर पहुंचे और काफी समय तक वहां उनके बीच रहें. वहीं कांग्रेस से जुड़े और दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के पूर्व प्रधान परमजीत सिंह सरना भी अपने समर्थकों के साथ मुखर्जी नगर थाने के बाहर धरना दिए हुए हैं. वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी किसी भी वक्त यहां पहुंच सकते हैं. दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली भी लगातार सरबजीत सिंह के परिजनों से संवाद बनाए हुए हैं.