Wednesday, 15 January 2025
चुनाव आयोग देर से जागा, लेकिन जाग गया है। लगातार पार्टियों और नेताओं पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगता रहा है, ऐसे मामलों में चुनाव आयोग के सख्ती ना दिखाने के लिए लगातार उसकी आलोचना हुई है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आयोग ने तुरंत ही एक कड़ा फैसला लिया है। अपने फैसले में आयोग ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर प्रचार करने से रोक लगा दी है। चुनाव आयोग की ये रोक 16 अप्रैल को सुबह 6 बजे से शुरु होगी। आयोग ने योगी पर 72 घंटों के लिए और मायावती पर 48 घंटों के लिए ये रोक लगाई है।
इस रोक के दौरान योगी आदित्यनाथ और मायावती ना तो किसी रैली को संबोधित कर सकते हैं, ना वो सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं और ना ही किसी भी तरह के इंटरव्यू में शामिल हो सकते हैं। चुनाव आयोग के इस फैसले से साफ हो गया है कि अब योगी आदित्यनाथ 16, 17 और 18 अप्रैल को चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं। वहीं मायावती 16 और 17 अप्रैल को प्रचार नहीं कर सकेंगी।
आपको बता दें कि मायावती ने यूपी के देवबंद में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुस्लिम मतदाताओं से वोटों के लिए अपील की थी। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपना वोट बंटने ना दें और वो सिर्फ महागठबंधन को ही वोट दें। मायावती की तरफ से दिया गया ये बयान धर्म के नाम पर वोट मांगने के नियम का उल्लंघन है। तो दूसरी तरफ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी रैली में मायावती पर हमला करते हुए कहा कि अगर विपक्ष को अली पसंद है, तो हमें भी बजरंग बली पसंद हैं। दोनों नेताओं के इन बयानों पर आयोग ने गौर किया और पहले दोनों को हिदायत दी थी।
आपको बता दें कि सोमवार सुबह सुप्रीम कोर्ट ने मायावती के देवबंद रैली में दिए भाषण पर अपनी आपत्ति जताई थी और अदालत की तरफ से चुनाव आयोग को कड़ी फटकार भी लगाई गई थी कि उन्होंने अभी तक इस पूरे मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की है। वहीं सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि आयोग लगातार सिर्फ नोटिस ही जारी कर रहा है, कोई सख्त कदम क्यों नहीं ले रहा है। उसके कुछ ही देर बाद चुनाव आयोग ने इन दोनों नेताओं को आढ़े हाथ लिया और इन पर बैन लगा दिया।