
लोकसभा चुनाव 2019 नजदीक और पार्टी में बगावत…दरअसल देखा जाए तो चुनाव से पहले हमेशा कांग्रेस पार्टी में बगावत के चर्चे होते रहते है…ये भी कह सकते हैं कि यह कोई नई बात नहीं….
यहां बात गुजरात की है जहां फिर से कांग्रेस पार्टी के विधायकों में बगावत के सुर सुनाई देने लगे है…और यह पार्टी के लिए मुश्किलें भी पैदा कर सकते हैं…इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जल्दी ही कोई कदम उठाना चाहिए…क्योंकि यहां के कांग्रेस विधायक पार्टी के लिए सिरदर्द बन गए हैं…और ये इसलिए हुआ क्योंकि एक के बाद एक नेता इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं..निश्चित तौर पार्टी के लिए इससे बड़ा चिंता का विषय और कुछ नहीं हो सकता…
सूत्रों की माने तो राहुल गांधी इस मसले से निपटने के लिए फरवरी में गुजरात दौरा करेंगे…साफ तौर पर उनका उद्देश्य पार्टी में प्राण भरना होगा…और एक अध्यक्ष के लिए यह बहुत जरूरी भी है…लेकिन अभी गुजरात में कांग्रेस पार्टी में जो हलचल मची है उससे पार्टी की स्थिति बिगड़ने का अनुमान लगाया जा सकता है…
पार्टी से हाल ही में उंझा की महिला विधायक आशा पटेल भी इस विपक्षी दल से बाहर हो गई और बड़ी बात ये कि आगामी चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दल बीजेपी से जा मिली…जिसने कांग्रेस की चिंताए और बढ़ा दी…लेकिन अगर देखा जाए तो जल्द की गुजरात में अगर कांग्रेस पार्टी कोई एक्शन नहीं लेती है तो लगभग 7 विधायकों के इस्तीफें देने के आसार हैं…अगर ऐसा होता है तो या तो ये विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होंगे या फिर कोई अन्य विकल्प चुनेंगे…अगर विधायक इस्तीफा देते हैं और बीजेपी में शामिल होते हैं तो इससे गुजरात में बीजेपी की ताकत और बढ़ जाएगी…और कांग्रेस को इससे निराशा भी हाथ लग सकती है…
दरअसल पार्टी के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है जिसकी वजह से पार्टी में बीते कुछ दिनों से आपसी कलह ज्यादा बढ़ गई है…इसकी वजह गुजरात कांग्रेस की जिम्मेदारी निभा रहे राजीव सातव की पकड़ से कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता का बाहर निकलना है…लेकिन ऐसे में यदि लोकसभा चुनाव के पास आने के चलते विधायकों का झुकाव बीजेपी की ओर होता है तो कांग्रेस के लिए यह चिंता का सबब है… कि वह इस मामले में जल्द ही कोई उचित निर्णय ले…
हालांकि इस मुसीबत से निपटने के लिए बी.के हरिप्रसाद का नाम सामने आ रहा है…इसकी वजह वर्तमान कांग्रेस की कमान संभाल रहे राजीव सातव का महाराष्ट्र से लोकसभा चुनाव लड़ना है…इसलिए पार्टी ये विचार कर रही है कि राजीव के स्थान पर बी.के हरिप्रसाद को गुजरात कांग्रेस की कमान सौंप दी जाए…
अब चाहे जो भी हो लेकिन विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस के सूबे में हड़कंप तो मच गई है…और सबसे बड़ी बात ये है कि इन विधायकों का लोकसभा चुनाव से पहले झुकाव बीजेपी के पक्ष में होना…तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए ये जरूरी हो गया है कि उत्तर प्रदेश की तरह ही वे गुजरात के लिए भी एक अच्छी रणनीति बनाए और सही हाथों में गुजरात में पार्टी की जिम्मेदारी सौंपे…अगर जल्द ही कांग्रेस इसपर कोई निर्णय नहीं लेती है तो कांग्रेस के लिए ये एक बड़ी मुसीबत बन सकती है…