दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने आम आदमी पार्टी के साथ समझौता नहीं होने की वजह से अपनी निराशा जताई हैं। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए अपने एक इंटरव्यू में साफ रूप से कहा कि अगर कांग्रेस का आप के साथ समझौता हो जाता तो दिल्ली की सातों सीटें इस गठबंधन के खाते में आतीं, लेकिन अब ऐसा हाेने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में गठबंधन नहीं होने से बीजेपी को फायदा होगा ।
आपको बता दें कि अजय माकन नई दिल्ली लोक सभा सीट से लगातार चौथी बार कांग्रेस के प्रत्याशी बने हैं। अजय माकन ने कहा कि दोनों पार्टियाें का गठबंधन नहीं होने से भारतीय जनता पार्टी को फायदा होगा। बीजेपी का वोट ज्यादा बंटेगा नहीं। इससे संभव है कि हमें कम सीटों पर जीत मिले। और जहां पर जीतें वहां भी जीत का अंतर कम हो सकता है। हालांकि फिर भी मुझे भरोसा है कि लोग कांग्रेस को वोट देंगे। क्योंकि हमारे उम्मीदवाराें के पास राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव ज्यादा है और हमारा ट्रैक रिकॉर्ड भी अच्छा है।
गौरतलब है कि अजय माकन ने सबसे पहले नई दिल्ली सीट से ही साल 2004 में ही बीजेपी के कद्दावर नेता जगमोहन काे हराया था। फिर साल 2009 में उन्होंने दूसरे दमदार बीजेपी के नेता विजय गोयल को हराया था। लेकिन साल 2014 में वो बीजेपी की मीनाक्षी लेखी से हार गए थे। इस बार फिर से उनका मुकाबला मीनाक्षी लेखी से ही है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इस सीट पर उम्मीदवार घोषित किया गया है और पार्टी की तरफ से बृजेश गोयल को टिकट दिया गया है।
गौर करने वाली बात तो ये है कि मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित के उलट अजय माकन दिल्ली में आप-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में थे, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच में सीटों की संख्या पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से ये गठबंधन नहीं हो सका था। इससे दिल्ली की सातों सीटों पर अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ बीजेपी के बीच में त्रिकोणीय मुकाबले होने की स्थिति बन गई है।