बीजेपी की तरफ से लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण उदित राज ने पार्टी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कांग्रेस में शामिल होते ही उदित राज ने बीजेपी पर हमला करना शुरु कर दिया है। उदित राज ने कांग्रेस के नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसमें उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से जुड़ा हुआ एक पुराना किस्सा सुनाया। उदित राज ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि वो चुप रहने वाले दलित नेताओं को पसंद करती है और रामनाथ कोविंद को इसी की वजह से इनाम मिला है।
आपको बता दें कि साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट पर उदित राज ने दिल्ली की उत्तर पश्चिम सीट से जीत दर्ज की थी। वो इस बार भी इसी सीट से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन बीजेपी ने उनकी जगह पर गायक हंसराज हंस को टिकट दे दी। जिसके बाद अगले दिन ही वो बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए और बीजेपी को दलित विरोधी कह दिया।
उदित राज ने कहा कि बीजेपी टिकट बंटवारे पर इंटरनल सर्वे का हवाला देती है और इस सर्वे में उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट पर मेरी जीत की रिपोर्ट सामने आई थी, लेकिन इसके बावजूद मेरा टिकट काटा गया है। उदित राज ने पार्टी पर आरोप लगाया कि मेरा टिकट इसलिए कटा है क्योंकि 2 अप्रैल 2018 को जब दलितों ने कानून कमजोर करने वाले मोदी सरकार के कदम का विरोध किया था और भारत बंद बुलाया था तो उसमें मैंने उसका समर्थन किया था। उदित राज ने कहा कि अगर मैं चुप रहता तो मेरा टिकट नहीं काटा जाता।
उदित राज ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस में खामोश रहने पर इनाम मिलता है। उन्होंने प्रधानमंत्री रामनाथ कोविंद का उदाहरण दिया और अपनी बाकत सामने रखी। उदित राज ने कहा कि 20 मई 2014 को रामनाथ कोविंद अपना बायोडाटा लेकर मेरे पास आए थे। उन्होंने मुझसे कहा कि भाईसाहब मेरा भी कुछ कराइए, क्योंकि बीजेपी ने रामनाथ कोविंद को 2014 में टिकट के लायक भी नहीं समझा था जबकि वो टिकट चाहते थे। लेकिन वो चुप रहे और उसका इनाम आपने देख लिया।
वहीं उन्होंने कहा कि अगर मैं भी चुप रहता तो बीजेपी मुझे भी कोई इनाम देती। वो यहां तक कह गए कि शायद कभी उन्हें भी प्रधानमंत्री बना दिया जाता।