
लोकसभा चुनाव 2019 की रणभेरी बज चुकी है. हर नागरिक का अधिकार बनता है कि वो अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें और देश को चलाने के लिए एक साफ सुथरी और काम करने वाली सरकार को चुनें. इस वक्त देश में जो माहौल बना हुआ है, उसके अनुसार प्रधानमंत्री पद के दो उम्मीदवार देश की जनता के सामने हैं. एक हैं निवर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी. वोट देने से पूर्व आपको इन दोनों नेताओं की शैक्षणिक योग्यता जानना जरुरी है.
देश के लिए ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद स्थिति है कि हमारे प्रधानमंत्री की डिग्री संदिग्ध बताई जाती है. नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी हलफनामे में यह बताया था कि उन्होंने एंटायर पोलिटिकल साइंस नामक विषय से एमए किया है लेकिन जिस गुजरात विश्वविद्यालय से उन्होंने ये डिग्री ली थी, वहां के प्रोफेसर जयंती पटेल ने बताया कि गुजरात विश्वविद्यालय में तो यह विषय पढ़ाया ही नहीं जाता.
वहीं गुजरात विश्वविद्यालय ने भी मांगे जाने पर भी नरेंद्र मोदी की मार्कशीट देने से साफ इंकार कर दिया. इससे पता चलता है कि दाल में कुछ न कुछ काला है वरना मार्कशीट देने से कोई भला इंकार क्यों करेगा. वहीं मोदी ने बताया है कि उन्होंने अपना बीए दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरा किया है. मोदी के बीए की डिग्री में वर्ष 1978 दर्ज है जबकि मार्कशीट में 1977 अंकित है, मतलब गोलमाल है.
प्रधानमंत्री पद के दूसरे उम्मीदवार राहुल गांधी की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो राहुल गांधी की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा दिल्ली के मॉर्डन स्कूल में हुई थी. आगे की पढ़ाई के लिए राहुल दून स्कूल चले गए. इसके बाद राहुल गांधी ने हॉवर्ड के रोलिंस कॉलेज, फ्लोरिडा से आर्ट्स में स्नातक किया. वर्ष 1995 में राहुल गांधी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से एमफिल की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद राहुल ने मैनेजमेंट गुरु माइकल पोर्टर की कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ 03 वर्ष तक काम किया.
आपको यह तय करना चाहिए कि देश का प्रधानमंत्री शिक्षित होना चाहिए या नहीं. अन्यथा आपके बच्चों को भी भविष्य में पकौड़े बेचने की सलाह दी जा सकती है क्योंकि रोजगार सृजन और नौकरियों के घटते अवसर पर सरकारी तंत्र की ओर से लगातार कुर्तक दिए जा रहे हैं. एक शिक्षित प्रधानमंत्री ही समझ सकता है कि शिक्षा पूरी होने के बाद देश के एक नौजवान को नौकरी और रोजगार की जरुरत है लेकिन पिछले पांच साल में बेरोजगारी का बढ़ता आंकड़ा कुछ और ही कहानी कह रहा है.