उत्तर प्रदेश में चुनावी संग्राम (UP Election 2022) चल रहा है, सभी पार्टियाँ इस चुनावी संग्राम में हिस्सा ले रही है। हालाँकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) का चुनावी रथ अब मथुरा (Mathura) की और मुड़ चूका है। मथुरा में 6 दिसम्बर को होने वाले जलाभिषेक की घोषणा के चलते वहाँ धरा 144 लगा दिया गया। भाई ये लोग बाबरी मस्जिद वाला कांड फिर से दोहरा रहे है। अब मथुरा में जीत के लिए कुछ करना तो पड़ेगा ही। नहीं तो इनकी नईया पार कैसे लगेगी।
कृष्ण की जन्भूमि मथुरा में 2017 में भारतीय जनता पार्टी को कुल 5 सीटों मेसे 4 सीटें मिली थी,और BJP की जीत हुई। लेकिन इस बार फिर से मथुरा में मोदी जीत हासिल कर पायेगी ये बताना मुश्किल है। क्योंकि इस बार मथुरा के लोग इनके झूठे वादों से तंग आ गए है। मथुरा में जो भी सरकार बानी है सबने बस बड़े-बड़े वादे किये है, ना तो वो वादे कभी पुरे हुए और नहीं कभी होंगे। हालाँकि ये तो पॉलिटिक्स है यहाँ वादे किये ही जाते है तोड़ने के लिए।
मथुरा में आये रिपोर्टर्स से अपनी शिकायते बताने में लोग जरा सा भी हिचकिचाए नहीं। क्योंकि यहाँ की कुछ समस्याऐं ऐसी है जो की उन्हें हमेशा देखनी पड़ती है। मथुरा के ये मुद्दे ऐसे है जिनसे यहाँ लोग पूरी तरह से परेसान है। यहाँ की सबसे बड़ी परेशानी है बंदरो का आतंक। जी हाँ यहाँ आये दिन बंदरो का आतंक फैला रहता है। अब भाई कही सुने हो बंदरो की वहज से लोग इतना परेसान रहते है। लेकिन यहाँ लोग सच में परेसान है और आजतक इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाये गए है।
अब ये तो हुई बंदरो की बात अब आते है यमुना के पानी की समस्या पर। यमुना के पानी की सफाई को लेकर काफी बाते सामने आयी है। क्योंकि पुरे शहर का गन्दा पानी यमुना में जाता है तो यमुना का पानी दूषित हो जाता है। पहले यमुना का पानी बिलकुल साफ़ हुआ करता था। यमुना में अगर कोई भी चीज गिर जाये तो वो साफ़-साफ़ नजर आ जाती थी। लेकिन अब यमुना का पानी बोहोत ही गन्दा और कचरे वाला हो चुका है। पुरे शहर का गन्दा कचरा सीधा जाकर यमुना में मील रहा है।
तीसरा और सबसे अहम मुद्दा, जोकि है शहर में जाम लगने की समस्या। मथुरा में आने वाले बाहरी पर्यटकों अपना वाहन शहर के बाहर रखकर आना पड़ता है। क्यूंकि अगर वहां छोटी चार चक्का की गाड़ी गली में से गुजर जाए तो बोहोत ही बड़ा जाम लग जाता है। और इस बात को लेकर पर्यटकों के मन में बुरी बातें आ जाती है, हालाँकि इस बात को लेकर यहाँ के रहवासियों ने कई बार अर्जी की है लेकिन उस पर कोई काम नहीं हुआ है।
इतनी समस्या के बावजूद भी यहाँ के लोग बीजेपी सरकार की प्रसंशा करते है। लोग कहते है कि मोदी सरकार ने सुधार किया है हां वादे पुरे नहीं किये लेकिन प्रगति हो रही है। अब देखिये भाई इस बार किसका पलड़ा भारी है, मथुरा की 5 विधानसभा सीटें किसकी झोली में जाती है।