
नई दिल्ली; एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ कोरोना से उतने नहीं डरे होंगे जितना डर उन्हें इस समय सरकार चले जाने का है. विधायक इधर से उधर हो रहे हैं. समझ नहीं आ रहा की कहाँ छिपाया जाए इन्हें. वहीँ इसी बीच विधायकों ने गुप्त रूप से एक बयान जारी किया है जिसमे उनका कहना है कि “हमारे साथ भेदभाव हो रहा है, अगर हम दूसरे राज्य में होते तो अधिक दामों में खरीदे जाते”.
विधायक हैं लौकी नहीं– भाईसाब विधायकों ने बहुत दुःख प्रकट किया है. बोले ‘हम विधायक है हमारी कतई इज्जत नहीं क्या. जनप्रतिनिधि से सीधे लौकी बना दिए हैं. अरे इतने सस्ते में तो सब्जी भी नहीं मिलती है जितने सस्ते में विधायक इस राज्य में खरीदे जा रहे हैं. माना की हमारा ईमान कमजोर है लेकिन दाम तो उंचा लगाओ. दूसरे राज्यों में देखो क्या दाम चल रहे हैं विधायकों के. भाईसाब कर्णाटक का तो पूछिए मत, इतना पैसा मिला की जिंदगीभर विधायकी तो दूर कोई और काम करने की जरूरत नहीं है. और यहाँ कह रहे हैं कि इतना पैसा ले लो. अरे इससे अधिक पैसा खर्च करके तो मैं विधायक बना हूँ. सोचा था कि विधयक बनकर बागी बनूँगा फिर ख़ूब पैसे कमाऊंगा, पार्टी के बड़े-बड़े नेता आगे पीछे घूमेंगे, लेकिन नहीं. यहाँ तो भाईसाब कोई इज्जत ही नहीं है. कभी-कभी लगता है कि काश मैं भी कर्णाटक या महाराष्ट्र का निर्दलीय विधायक होता तो आज मैं भी करोडो….खैर छोडिए”. इतना कहकर विधायक जी नाराज होकर चले गए.
राज्यपाल को सौपेंगे ज्ञापन- जानकारी मिली है कि एमपी के सभी बागी विधायक माननीय राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपकर अपनी ये व्यथा बताने जा रहे हैं. उन्होंने कहा की वो इस अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे और अपना हक़ लेकर रहेंगे.
तो भाईसाब कमलनाथ सरकार की चिंता लगातार बढती जा रही है. समझ नहीं आ रहा की शौपिंग करें या नहीं. क्या अत फ्लोर टेस्ट से पहले ही खरीदा हुआ सामान फेल हो जाए.