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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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मोदीजी मेरे खाते में 15 लाख भेजने ही वाले थे कि बैंक वालो ने बैंक हड़ताल कर दी

Troll Ambresh Dwivedi 17 March 2021
मोदीजी मेरे खाते में 15 लाख भेजने ही वाले थे कि बैंक वालो ने बैंक हड़ताल कर दी

धमालपुर: पता नहीं मेरी किस्मत के ऊपर कौन सा शनि चढ़ा हुआ है. जब भी मोदीजी कोई घोषणा करते हैं और मुझे उसका फायदा मिलने वाला होता है उतने ही कुछ ना कुछ गड़बड़ हो जाती है. अब एक दिन एक भक्त महोदय आकर बताये थे कि वो चुनावों के दौरान घोषित पंद्रह लाख रुपये मोइजी सबके खाते में भेजने वाले हैं. इतने में बैंक वालों ने हड़ताल कर दी. अब बैंक हड़ताल (bank strike) के कारण पैसे तो मिलने से रहे. लगता है ये जालिम दुनिया मुझे अमीर नहीं देखना चाहती है.

 चलो हड़ताल कर ली अब इतनी रियायत दे देना-

सुनो बैंक हड़ताल करके मेरे पंद्रह लाख का नुकसान तो कर दिया. वो पंद्रह लाख जिनसे मैं ट्रेन का बढ़ा हुआ किराया देता, बढ़ी हुई मेडिकल सेवाएँ लेता और बढ़ी हुई कालेज की फीस चुकाता. खैर अब इतनी रियायत दे देना कि जो पेन को तुम डोरी से बांधकर रखते हो ना वो घटिया काम है, कसम से बंद कर दो. बहुत भद्दा लगता है भाई, कई बार तो हमारी लड़ाई हो जाती है. फिर डोरी टूट जाती है और तुम्हारा गार्ड पीटता है.

तो भाई ये वाला काम बंद कर और पैसे मेरे खाते से काट लेना. वही वाला खाता जिसमें पंद्रह लाख आने वाले हैं. मतलब जब भी आएं तुम काट लेना. इसके अलवा ये जो तुम बार-बार लंच करने चले जाते हो ना वो भी बंद कर दो. अबे इन्सान हो या जानवर. तुम सुबह से लेकर शाम तक पांच बार लंच करते हो. ऐसा करो आज के बाद खाना सीधे टेबल पर आर्डर करना और पैसे मेरे खाते से काट लेना. वही वाला खाता जिसमें मोदीजी पंद्रह लाख भेजने वाले हैं.

भक्त ने बताया पंद्रह लाख लेने का तरीका-

मोइजी जो भी करते हैं कुछ अच्छा ही करते हैं. अब बैंक हड़ताल की वजह से मेरे पद्रह लाख चले गए तो मेरे भक्त साथी ने मुझे एक तरकीब बताई. उसमें कहा है कि भाई जिन बैक वालों से हड़ताल की है वो सभी पाकिस्तानी है. ये सब देश की तरक्की से जलते हैं. इन्हें दिख नहीं रहा की चौबीसों घंटे काम करने वाला पीएम कैसे हम सबका भला चाहता है. इतने में मैंने उसे झन्नाटेदार थप्पड़ रसीदते हुए कहा “अबे बावले, चौबीस घंटे काम करने ये हालत कर दी की मेरे पंद्रह लाख का नुकसान हो गया. अबे ये काम करता है की घुइया छीलता है”.

भक्त दोस्त नाराज नहीं हुआ और उसने कहा “मार ले भाई लेकिन बात तो सुन ले. अगर किसी तरह से तू इन बैंक वालों के पास से इनका पाकिस्तान वाला Voter ID Card लाकर हमें दे देगा तो हम तुझे वैसे भी पंद्रह लाख दे देंगे. अरे पंद्रह क्या ज्यादा दे देंगे. चल तू ला दे बस”. इतना सुनकर मेरा तो दिमाग खराब हो गया भाई, मैंने कहा “क्या बात कर रहा है ऐसे भी होता है”. भक्त दोस्त ने कहा “अबे बिलकुल होता है देख ना ये बाइक जेएनयू वालों को पाकिस्तानी घोषित करने पर ही तो मिली है”

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.