
सोचिए आप सुबह एक जगह जाते हैं और जब शाम को वहां से आते हैं तो उसका नाम कुछ और हो जाता है. ऐसे ही कहानी हुई क्रिकेट मैदान को लेकर. लोग घुसे तो मोटेरा स्टेडियम में लेकिन निकले नरेन्द्र मोदी स्टेडियम से. अब इस नरेंद्र मोदी स्टेडियम में कुछ खास बातें होंगे. जैसे जर्सी का रंग भगवा होगा और कमेंट्री की जगह मन की बात सुनाई जाएगी.
इस नए वाले नरेंद्र मोदी स्टेडियम का माहौल कुछ अलग होगा. जर्सी भगवे रंग की होगी और उसके पीछे हिंदी में सबके नम्बर लिखे होंगे. इसके अलावा खिलाडियों का नाम संस्कृत में लिखा जाएगा. आने वाले दर्शकों को हाँथ जोड़कर प्रणाम करते हुए अंदर आना होगा. इसके अलावा इसमें बालर्स की फेंकने की लिमिट निर्धारित की जाएगी.
दरअसल साहब भी तेज ही फेंकते हैं और ऐसे में उनसे तेज कोई बालर ना फेंके इसके लिए नए नियम लाए जाएँगे. अगर कोई बालर साहब से तेज फेंकता है तो उसे narendra modi cricket stadium के 56 चक्कर लगाने होंगे. मतलब जितने इंची साहब का सीना है. अब सबसे बड़ी समस्या है कि मैदान में घास हरे रंग की है. अब इसकी कुछ व्यवस्था तो की ही जाएगी. हरा रंग यूं नो. मैच नहीं करता.
अब ये मामला बड़ा मजेदार है. क्रिकेट कमेंट्री की जगह मन की बात सुनाई जाएगी. मन की बात कार्यक्रम में शुरुआत वैसे ही भाईओं-बहनों से होगी. कमेंट्री तो होगी लेकिन उसका फॉर्मेट मन की बात वाला होगा. उसमें भी तेज फेंकने की अनुमति होगी लेकिन साहेब से कम. मेरे प्यारे देशवासियों से संबोधन शुरू होगा और अंततः एक मन्त्र के साथ खत्म होगा. इसके अलावा अम्पायर से आउट माँगा नहीं जाएगा. अगर आप भारतीय टीम का हिस्सा हैं तो आप सीधे कह देंगे की आउट है तो अम्पायर को देना होगा.
मोदी जी भी ना जाने क्या-क्या सरप्राइज देते रहते हैं. मतलब एक आदमी सुबह जब मैच देखने जाता है तो वो motera cricket stadium जाता है लेकिन जब वो निकलता है तो वो narendra modi cricket stadium से निकलता है. और तो और सरदार पटेल का नाम भी बदल दिया. अब जब नाम बदलने की मुहीम शुरू ही हुई है तो फिर कहाँ पटेल बचेंगे.
इसीलिए दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का नाम सबसे तेज फेंकने वाले, माफ़ कीजिएगा हमारे पीएम मोदी के नाम पर रखा गया है. तो बजाइए ताली और भरवाइए सौ रुपये का तेल.