नोटबंदी को लेके भारतीय रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने बीते दिन आंकड़े पेश करते हुए यह जानकारी दी कि, नोटबंदी के बाद पुरे 99% नोट बैंक में जमा हुए | जो कि भ्रष्टाचार के मद्देनज़र एक महत्वपूर्ण कदम है |
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि, जिस नोटबंदी को लागू करने के पीछे काले धन पर लगाम कसने की बात कही गयी थी वो कही ना कहीं फेल हुआ दिखा रहा है | क्योंकि सरकार के आंकड़े देखते हुए लगता है कि, काले धन के कारोबारियों ने नोटों को सिस्टम में किसी न किसी तरह से खपा दिया, यदि ऐसा ना होता तो अब तक बैंक में 99 प्रतिशत प्रतिबंधित 500 और 1000 रूपये के नोट वापस जमा नहीं हुए होते |
इन सभी मुद्दों पर आप कार्यकर्ता और कवि कुमार विश्वास ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया कि,
लाईन में सैकड़ों लोगों की मौत,व्यापार ठप्प,₹21 हज़ार नए नोटों की छपाई पर ख़र्च,तब 16 हज़ार ₹ कमाए😳मिलें चौराहे पे?🙏#DeMonetisationFailed
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 31, 2017
इतना ही नहीं, कुमार विश्वास ने यह भी कहा कि, ये सिर्फ और सिर्फ काले धन वालों के पैसे को बदलने का एक प्रारूप था | इंडियन एडिटोरियल कार्टूनिस्ट मंजुल के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए कुमार विश्वास ने ये तक कह दिया कि,
“नोटबंदी नहीं नोटबदली कहिए”
भाषा ठीक रखिए,नोटबंदी नहीं नोटबदली कहिए @MANJULtoons https://t.co/90AYrho4Nn
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 30, 2017
हालांकि यह खबर आते ही पूर्व सरकार के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए बोला कि,
“प्रतिबंधित नोटों में सिर्फ एक फीसदी नहीं आए| RBI को इस तरह की सिफारिश के लिए शर्म आनी चाहिए”|
जिस पर अरुण जेटली ने कहा कि, “सरकार का नोट बंदी का कदम बिलकुल सही था” |