इस समय पाकिस्तान की आर्थिक हालात काफी सख्त है…पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक से एक के बाद एक कठोर कदम उठा रहा है जो कि सराहनीय है
एक सख्त कदम उठाते हुए भारत ने पाकिस्तान से मोस्ड फेवर्ड नेशन का दर्जा वापिस ले लिया गया है…हालांकि २०१६ में हुए उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने इस फैसले पर विचार किया था लेकिन उस समय किसी कारणवश भारत ने ये फैसला नहीं लिया…जबकि भारत को ये फैसला काफी समय पहले ही ले लेना चाहिए था…
इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़ने वाले कदम उठाना शुरू कर दिया है इससे उसे अपनी हैसियत का अंदाजा लग गया होगा… भारत के मोस्ड फेवर्ड नेशन का दर्जा वापिस लेने के तुरंत बाद यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान को डर्टी मनी ब्लैकलिस्ट सूची में भी डाल दिया है…
साथ ही शनिवार को सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ एक और कड़ा कदम उठाया गया है और पाकिस्तान से आने वाले सभी सामानों पर सीमा शुल्क तत्काल बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया है…ये पाकिस्तान को लगंड़ा कर देने वाला फैसला है…इसकी जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट करके दी…
India has withdrawn MFN status to Pakistan after the Pulwama incident. Upon withdrawal, basic customs duty on all goods exported from Pakistan to India has been raised to 200% with immediate effect. #Pulwama
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 16, 2019
भारत पाकिस्तान से सीमेंट, खनिज संसाधन, लौह अयस्क, तैयार चमड़ा, अमरूद, आम, अनानास, फ्रेबिक, कॉटन, साइक्लिक हाइड्रोकॉर्बन, पेट्रोलियम गैस, पोर्टलैंड सीमेंट, कॉपर वेस्ट और स्क्रैप, मुल्तानी मिट्टी, सेंधा नमक, फुटबॉल, हॉकी स्टिक और दूसरे खेल के उपकरण, कालीन, ड्राई फ्रूट्स, आदि चीजें आयात करता है…वहीं पाकिस्तान भारत से टमाटर, गोभी, आलू, प्याज, पेरासिटामोलइ टूथपेस्ट, परफ्यूम, अखबारी कागज, चीनी, रबड, टायर, चाय, ऑयल केक, पेट्रोलियम ऑयल, कॉटन, आम खरीदता है, साथ-साथ दोनों ही देश एक दूसरे से रोजाना सब्जियों का व्यापार भी करते है…
भारत अपने देश में हो रही उत्पादित वस्तुओं का भी अन्य देश से आय़ात करता है…जैसे की चीनी और इससे जुड़े प्रोडेक्ट्स भारत तुर्की, नेपाल, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, ब्राजील, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा से आयात करता है…वहीं कॉफी.,चाय और मसाले इंडोनेशिया, इटली, जापान, थाइलैंड औऱ फ्रांस से आता है…प्याज भारत में पाकिस्तान, चीन, इटली, श्रीलंका, कोरिया, अमेरिका, इजरायल, सिंगापुर, मिस्त्र से आता है…वहीं लहसून का आयात भारत पाकिस्तान, फिनलैंड, हांगकांग, मेक्सिको, नीदरलैंड, दक्षिण आफ्रीका, स्वीडन आदि देशों से करता है…
फुटबॉल –
सबसे बड़ी आश्चर्य वाली बात ये है कि पूरी दुनिया में 80 फीसदी फुटबॉल अकेला पाकिस्तान बनाता है…और भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी के उपकरण का आयात भी भारत पाकिस्तान से ही करता है…
यह जानना जरूरी है कि भारत ने 1998 में पाकिस्तान के सर्वाधिक वरीयता प्राप्त देश का दर्जा दिया था…लेकिन पाकिस्तान ने भारत को अबतक ये दर्जा नहीं दिया…और तो और पाकिस्तान भारत से आयात तो करता है लेकिन भारत के ट्रकों को अफगानिस्तान सामान पहुंचाने का रास्ता भी नहीं देता है…लेकिन वहीं अफगानिस्तान का कुछ सामान पाकिस्तान के रास्ते से होते हुए ही भारत आता है…निश्चित तौर पर पाकिस्तान की इन्हीं चालाकियों की वजह से भारत को पाकिस्तान के साथ व्यापार करना हानिकारक सिद्ध हो रहा है…
क्योंकि पाकिस्तान एनआईए समझौते का पालन नहीं कर रहा है…और व्यापारी खुद भारत के खिलाफ आतंकवादियों की सहायता कर रहें है…गौरतलब हो की 2008 में भारत और पाकिस्तान के बीच ड्यूटी सीमा व्यापार समझौता किया गया था…यह समझौता दोनों पड़ोसी देशों में आवश्यक वस्तुओं का सहज और सस्ती दरों पर व्यापार करने के उद्देश्य से किया गया था…इसके लिए दो व्यापार सुविधा केंद्र “सलामाबाद” और “चकन दा बाग” भी स्थापित किए गए…
आपको पता हो कि 2008 में इस समझौते में 21 वस्तुओं को शामिल किया गया था. इन 21 वस्तुओं की सूची में चमड़े का सामान, सूखा मेवा, सर्जिकल उपकरण, कपास, लैविक रसायन, प्लास्टिक, सूखी सब्जियां, कृत्रिम फाइबर, टायर, अशुद्ध गहने, जस्ता, तेल के बीज और बुने हुए वस्त्र शामिल हैं…लेकिन NIA की एक रिपोर्ट बताती है कि ISI पत्थरबाजों की फंडिंग के लिए पीओके में बाकायदा फंड मैनेजर रखता है…और ये एजेंट सरहद पर सामान के आयात- निर्यात की फर्जी इन-वॉयसिंग का सहारा लेते हैं…और बॉर्डर से होने वाले आयात- निर्यात सामानों की कीमत कम करके दिखाई जाती है…और बाकी के जो पैसें बचते है उनका एक बड़ा हिस्सा आतंकवादियों तक पहुंचाया जाता है…
लेकिन अब भारत ने पाकिस्तान से एमएफएन “सर्वाधिक तरजीह वाला देश” का दर्जा छीन लिया है…जब दो देशों के बीच सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर विवाद हो तो ऐसे में यह दर्जा वापिस लिया जा सकता है…एमएफएन दिया जाने का मतलब ये है कि देश इस बात से आश्वस्त रहते है कि उसे व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा…इसी के चलते भारत ने पाकिस्तान को 1996 में ये दर्जा दे दिया था…लेकिन ये दर्जा एकतरफा था…इसे भारत का अंधापन कहे या फिर महानता औऱ पाकिस्तान की चालाकी क्योंकि पाकिस्तान ने 1996 से 2012 तक भारत को एमएफएन का दर्जा नहीं दिया था…और फिर 2012 में ये दर्जा देने का एलान किया लेकिन अभी तक पाकिस्तान ने भारत को एमएफएन का दर्जा नहीं दिया…साफ है कि पाकिस्तान की नियत तो हमेशा से खराब थी ऐसे में जो फैसला भारत ने अब लिया वह बहुत पहले ले लिया जाना था…इससे पाकिस्तान के हौसलें व्यापार को लेकर औऱ बुलंद होते रहे…बता दें कि पाकिस्तान ने भारत के आलावा इजरायल को भी अभी तक एमएफएन का दर्जा नहीं दिया…
जिन स्थानों पर भी आतंकी हमले हुए है सबसे ज्यादा व्यापार वहीं से किया जाता है…पाकिस्तान उरी, पुंछ औऱ मुज्जफराबाद 3 रास्तों से 264 वस्तुएं भारत से आयात करता है…वहीं 137 वस्तुएं अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान को भारत से निर्यात की जाती है…हालांकि पाकिस्तान से मोस्टर फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने से पाकिस्तान द्वारा भारत को किए जाने वाले 48.8 करोड़ डॉलर के सामान के निर्यात पर असर पड़ सकता है… इस फैसले से देश के द्विपक्षीय व्यापार पर कोई खासा असर नहीं पड़ेगा…क्योंकि दोनों ही देशों के बीच व्यापार सालाना 3 अरब डॉलर से कम का होता है…लेकिन इसका असर पाकिस्तान के उन उद्योगों पर अवश्य पड़ेगा जो कि भारत में निर्यात कर रहे हैं…
जब पाकिस्तान पर आर्थिक संकट आता है तो वह अपने देश में कुछ वस्तुओं को बैन कर देता है जिससे वह अपनी आर्थिक व्यवस्था में संतुलन बनाए रख सके…आपको पता हो कि पाकिस्तान अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है…जो कि कच्चे तेल का एक बड़ा आंकड़ा है…
देखा जाए तो भारत का निर्यात, आयात की तुलना में कई ज्यादा है… यदि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करेगा तो इसका प्रभाव भारत पर ज्यादा पड़ेगा…लेकिन इससे एक चीज तो तय है कि पाकिस्तान ज्यादातर वस्तुओं के लिए भारत पर निर्भर है…क्योंकि भारत आयात कम और निर्यात ज्यादा करता है…हां व्यापार की दृष्टि से भारत को एक बड़ा नुकसान हो सकता है लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यह कदम उठाया जा सकता है… भारत को अपने देश में ही उत्पादन शक्ति बढ़ाने की ओर ध्यान देने की सबसे ज्यादा आवश्यक्ता है…ताकि वह पाकिस्तान के अलावा अन्य देशों को चीजें निर्यात करके अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बना सके और पाकिस्तान का व्यापारी खात्मा भी जल्द किया जा सके… और इसी के चलते भारत ने एक मजबूत आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक का प्लान तैयार कर लिया है…जिसकी शुरूआत पाकिस्तान से आयात पर शुल्क 200 प्रतिशत करने से की है…इसका सीधा सा मतलब पाकिस्तान से आयात बंद होने के समान ही है…इसके अलावा रविवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 5 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा भी वापस ले ली है…जिसमें मीरवाइज़ उमर फारुक, अब्दुल गनी बट्ट, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन, और शब्बीर शाह शामिल है… पाकिस्तान की स्थिति न पहले अच्छी थी न अब है…बल्कि देखा जाए तो पाकिस्तान पिछले कुछ समय से आर्थिक हालातों से जूझ ही रहा है लेकिन अब वक्त है उसे पूरी तरह तोड़ने का…