
संजय की नानी और नरगिस दत्त की मां का नाम जद्दनबाई था। इनका निवास चिलबिला के प्रतापगढ़ में था। लोगो के अनुसार जद्दनबाई का जन्म उप्र के गोशवारा गावं में किसी ठाकुर के परिवार में हुआ था। जद्दनबाई के बचपन का नाम दलीया था। काफी छोटी सी उम्र में दलीया की शादी कर दी गई। और कुछ ही समय बाद उनके पति का देहांत हो गया ।
और तब हिंदू परिवार में बालिका-वधू का विधवा होना घोर पाप था। जिससे दूसरी शादी का तो सवाल ही नहीं बनता। उस विधवा बच्ची को जीवन भर विधवा के रूप में जीना होता है। और जद्दन का हाल भी कुछ ऐसा ही था। और इसीलिए उनके घरवाले एक दिन उन्हें अपने साथ बनारस लेकर चले गए।
वाराणसी में मोक्ष प्राप्ति के लिए तब काफी महिलाएं रहती थीं। और वहीँ मेले की भीड़ में जद्दनबाई को अकेला छोडकऱ उनके परिवार वाले चले गए। ऐसा कहा जाता है कि वाराणसी में कई दिनों तक भटकने के बाद जद्दनबाई यहां की प्रसिद्ध तवायफ और नाचने वाली दलीपाबाई के ठिकाने पर जा पहुँची । दलीपाबाई ने इनको अपने ठिकाने पर आसरा दिया।
दलीपाबाई एक ब्राह्मण थीं। और इस तरह दलीपाबाई की दत्तक पुत्री बानी और दत्तक पुत्री होने की वजह से जद्दनबाई को ब्राह्मण विधवा भी कहा गया था। जद्दनबाई दुनिया की पहली महिला गायिका बनीं। इन्होने कई फिल्मों में संगीत भी दिया था । जद्दनबाई वाराणसी, कलकत्ता और मुबंई में भी रह चुकी थी । प्रतापगढ़ के चिलबिला में इन्होने अपने जीवन का काफी समय बिताया था।
इनके पहचान वालों में पंडित मोतीलाल नेहरू भी शामिल थे। जद्दनबाई ने तीन शादियां कीं थी । इनकी सबसे पहली शादी नरोत्तमदास खत्री से हुई थी। जो बाद में एक मुसलमान बन गए। इन्हें नरोत्तमदास खत्री को लोग बच्ची बाबू भी कहते थे। इसकी दूसरी शादी उस्ताद मीर खान से हुई थी । जिनसे फिल्म एक्टर अनवर हुसैन पैदा हुए थे।
जद्दनबाई की तीसरी शादी उत्तमचंद मोहनचंद से हुई। यह पेशे से डॉक्टर थे। और इन्हे लोग मोहन बाबू के नाम से भी जानते थे। और ये भी बाद में मुसलमान बन गए थे। फिर इनका नाम अब्दुल रशीद था । उनकी इसी शादी से इन्हे जो तीन बच्चे हुए उनमें सबसे बड़ी थी फ़ातिमा ए.रशीद था। ये वही फातिमा थी जो आगे चलकर नरगिस नाम से मशहूर हुईं। इनकी शादी स्वर्गीय सुनील दत्त से हुई।
लेकिन एक बात में जद्दनबाई उन्नतिशील साबित हुईं थी। बदलते समय की पहचान कर उन्होंने अपनी बेटी नर्गिस के लिए एक आसान करियर चुना था। हालाँकि नर्गिस को उन्होंने अपनी दुनिया से अलग रखा और उन्हें अंग्रेज़ी शिक्षा दी। नरगिस के फ़िल्मी करियर को उन्होंने बेहद सावधानी से आगे बढ़ाया। नरगिस की शादी स्वर्गीय सुनील दत्त से हुई थी। और यही संजय दत्त की मां बनीं।