Headline

सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

TaazaTadka

नवजोत सिंह सिद्धू के जरिए दोबारा खड़ा होना चाहता है गांधी परिवार

अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दिया था कि, पंजाब के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नवजोत सिंह सिद्धू का नेतृत्व मंजूर नहीं है।
Others Taranjeet 22 July 2021
नवजोत सिंह सिद्धू के जरिए दोबारा खड़ा होना चाहता है गांधी परिवार

महीनों की मेहनत के बाद आखिरकार कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। अब इसे अगर कहें कि गांधी परिवार ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनौती दे दी है तो गलत नहीं होगा। दरअसल इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि गांधी परिवार अपने सपबसे ताकतवर मुख्यमंत्री को चुनौती देगा। नवजोत सिंह सिद्धू को तो कैप्टन के विरोध के कारण प्रदेश अध्यक्ष बनाया ही, साथ में चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए जिनमें से एक भी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) के कैम्प से नहीं आता है।

शुरु से ही नवजोत सिंह सिद्धू पर रही है प्रियंका गांधी की कृपा

वैसे नवजोत सिंह सिद्धू शुरु से ही कहते आ रहे हैं कि उन पर प्रियंका गांधी की बहुत कृपा है। वो शुरु से कह रहे हैं कि प्रियंका ही उन्हें कांग्रेस में लेकर आई है। नवजोत सिंह सिद्धू की नियुक्ति का असर पंजाब में तो होगा ही लेकिन इसके परिणाम काफी दूरगामी होने वाले हैं। दरअसल 2014 और 2019 की हार के बाद गांधी परिवार पर ये आरोप लगते रहे कि वो कड़े फैसले करने में असमर्थ है और दूसरी पीढ़ी के नेताओं को पार्टी में जगह नहीं मिल पा रही है।

प्रियंका गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर ये साफ कर दिया है कि भले ही कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार कमजोर हो लेकिन उनपर कोई दबाव नहीं बना सकता है। नवजोत सिंह सिद्धू के जरिए गांधी परिवार अपना खोया हुआ वर्चस्व एक बार फिर से Congress Party  पर स्थापित करना चाहता है जो कि सिर्फ पंजाब तक ही सीमित नहीं रहेगा। राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात और बाकी राज्यों में भी ऐसे ही बड़े फैसले देखने को मिलेंगे। इसका असर कांग्रेस के हर उस राज्य पर पड़ेगा जहां पार्टी 2 हिस्सों में बटी हुई है। इससे सम्बंधित हर राज्य में ऐसे ही आश्चर्यचकित करने वाले फैसले होंगे।

गांधी परिवार कर रहा है फिर से खड़े होने की कोशिश

प्रियंका गांधी का नवजोत सिंह सिद्धू के साथ खड़ा होना और राहुल गांधी का ये कहना कि, जो लोग संघ और भाजपा से डरते हैं वो कांग्रेस छोड़कर जा सकते हैं। ये इस बात के संकेत हैं कि गांधी परिवार फिर से मजबूत होने की कोशिश तो कर रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर साफ कर दिया था कि, पंजाब के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नवजोत सिंह सिद्धू का नेतृत्व मंजूर नहीं है।

पंजाब के सांसदों की बैठक में ये तय किया गया कि नवजोत सिंह सिद्धू के अध्यक्ष बनने पर कोई भी सांसद अपने क्षेत्र में उनका स्वागत नहीं करेगा और इस फैसले में सभी की सहमती थी। इसके अलावा 10 विधायकों ने पत्र लिखकर कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का कोई विकल्प नहीं है। वो एक मात्र पंजाब कांग्रेस की आवाज हैं और बावजूद इस विरोध के गांधी परिवार ने किसी की परवाह किए बिना नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का कैप्टन नियुक्त कर दिया।

एक वक्त था जब नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट के मंत्री हुआ करते थे। सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को कहा कि मेरी सरकारी कार अच्छी नहीं है और उसी वक्त कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी लैंड क्रूजर गाड़ी, जिसमें खुद मुख्यमंत्री चलते थे, वो कार नवजोत सिंह सिद्धू को सौंप दी। आज देखिए कैसे देखते देखते नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से पंजाब की कमान ही छीन ली।

2 साल से चल रहा है ये सिलसिला

नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब की कमान सौंपने का सिलसिला लगभग दो साल पहले शुरू हुआ था और उस वक्त पंजाब की प्रभारी आशा कुमारी हुआ करती थीं। प्रियंका गांधी ने जब ये संदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के जरिए आशा कुमारी तक भिजवाया तो आशा कुमारी ने कहा कि इन्हें कैम्पन कमेटी के अध्यक्ष से ज्यादा कुछ नहीं दिया जा सकता है।

प्रियंका गांधी चाहती थी कि आशा कुमारी प्रभारी के तौर पर नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास भेजें। आशा कुमारी ने ऐसा करने से मना कर दिया और जब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में फेरबदल हुआ तो आशा कुमारी को पंजाब के प्रभारी पद से हटा दिया गया। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहती थीं कि आशा कुमारी को किसी दूसरे प्रदेश की जिम्मेदारी दी जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इस फेरबदल के बाद पंजाब की जिम्मेदारी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को दी गई। हरीश रावत पंजाब के महासचिव नियुक्त किये गए और हरीश रावत ने उन सभी फैसलों को करवाया जो गांधी परिवार और खासतौर पर प्रियंका गांधी पंजाब मे करना चाहती थी। गांधी परिवार ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ अपने पुराने रिश्तों की भी चिंता नहीं की और विरोध के बावजूद एक ऐसा फैसला हुआ जिससे ये संदेश गया कि परिवार अपना खोया हुआ वर्चस्व पाना चाहता है।

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.