उत्तर प्रदेश यानी भारतीय राजनीति का एक अभिन्न अंग, कोई भी पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश एक पूरक हमेशा से रहा है | वर्तमान समय में यहाँ से बीजेपी के मंत्री योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं |
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के ठीक बाद से ही उनके कड़े तेवर देखने को मिले थे लेकिन सवाल उस समय उठने लगे जब २ महीने के अंदर अंदर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का आंकड़ा बद से बदतर हो गया|
बीते दिनों गोरखपुर के अस्पताल में बच्चों की हुई मार्मिक मौतों ने सबको झकझोर के रख दिया वही योगी सरकार आरोप प्रत्यारोप का खेल खेलने और किसी तरह लीपा पोती में लगी हुई है |
प्रदेश की ऐसी स्थिति ने निश्चित तौर पर विपक्ष को बोलने का मौक़ा दिया है | और वही सीधे तौर पर न्यायिक प्रक्रिया के मामले में पूरी तरह विफल दिख रही योगी सरकार पर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री ने जम कर निशाना साधा है |
योगी सरकार ने सोशल मीडिया पर अफवाह उठायी थी कि पूर्व सरकार ने जन्माष्टमी पर्व थानों में मनाने की पाबन्दी लगाई थी | इस पर अखिलेश यादव ने सीधे तौर पर कांफ्रेंस में कहा,
“मुझे लगता है उत्तर प्रदेश में एक डिजिटल मुख्यमंत्री बैठे हैं , कह रहे हैं कि जन्माष्टमी थानों में नहीं मनाने देती थी समाजवादी पार्टी की सरकार , अरे भाई हमारा छोड़ दो पिछले १०० साल का इतिहास उठा के देखो क्या ऐसा कभी हुआ है ?”
सीएम कर रहे थे नया भारत बनाने की बात, सड़क पर नमाज और थानों में जन्माष्टमी से बात नहीं बनेगी । pic.twitter.com/xyEM4up8ax
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 18, 2017
मेट्रो और डिजिटल इंडिया पर तंज कस्ते हुए उन्होंने कहा कि,
“हमे इंतज़ार होगा कि हमारे डिजिटल मुख्यमंत्री कम से कम एक्सप्रेस वे की तो बात करें, मेट्रो की बात दूर की है|”
इस बाबत अखिलेश यादव ने एक ट्वीट भी किया |
नीति आयोग ने ऐसी नीति बना दी है कि अब यूपी के किसी शहर में मेट्रो नहीं चल पाएगी । pic.twitter.com/8NEAWzzPvt
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 18, 2017
सड़कों पर नमाज़ के दौरान होने वाली भीड़ पर अखिलेश यादव ने बोला,
“हमारे यहाँ कृष्ण जन्माष्टमी से लेके , होली, दिवाली , शादी तक से सड़कों पर लोग मनाते हैं, तो फिर ये धर्म के सबसे बड़े अनुयायी सिर्फ नमाज़ पर ही निशाना क्यों साध रहे हैं ?”