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क्या नवलखा मंदिर को सच में किसी भूत ने बनाया है? और वो भी एक ही रात में!

Information Komal Yadav 1 February 2021
क्या नवलखा मंदिर को सच में किसी भूत ने बनाया है? और वो भी एक ही रात में!

वैसे तो भगवान शिव की आराधना कोई भी किसी भी रूप में कर सकता है। हम बात कर रहे है एक ऐसे मंदिर की जिसके बारे में लोगों का कहना है कि इसे भूतों ने एक ही रात में बनाया था। हालाँकि यह सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लग रहा है लेकिन यहां रहने वाले लोग कहते हैं कि यही सच है।

बाबर नामक भूत जिसने बनाया भगवान शिव का विशाल मंदिर

भूत-पिशाचों(Ghost) के बारे में तो आपने बहुत कुछ सुना ही होगा, लेकिन क्या अपने कभी यह सुना है की किसी भूत ने मंदिर का निर्माण किया हो। हम यहां बता रहे एक एसे मंदिर के बारे में जिसे एक भूत ने एक ही रात में बनाया था। यह मंदिर काठियावाड़, गुजरात(Gujarat) में स्थित है इस मंदिर का नाम नवलखा मंदिर है। वैसे यह मंदिर पौराणिक शिल्पकला (Mythology)का एक बेहतरीन नमूना है। भले ही यह मंदिर एक भूत ने बनाया है, पर इसकी सुन्दरता देखते ही बनती है। इस मंदिर के चारों तरफ नग्न-अर्धनग्न नवलाख मूर्तियों के शिल्प हैं।

मंदिर में ऐसी शिल्पकला दर्शायी गयी जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है

यह मंदिर 16 कोने वाली नींव के आधार पर बनाया गया है। यह शिव मंदिर गुजरात में बने प्रमुख महाकाय मंदिर में से एक है। नवलखा मंदिर का जीर्णोद्धार (Renovations)हुआ तब से उसका पुराना-मूल भाग आज भी खड़ा है, हालाँकि मंदिर के नए हिस्से में परिसर थोड़ा छोटा है और आस-पास ऊंचे मकान होने के कारण मंदिर की तस्वीर लेना कठिन है।

नवलखा मन्दिर सोमनाथ मंदिर की तरह ही काफी ऊंचा और विशाल है। मंदिर की छत और गुम्बज के अंदर के हिस्से में जो नक्क़ाशी दिखती है, वो अलग-अलग कालखंड की होती है। हालाँकि मंदिर के अंदर गर्भगृह(Sanctum sanctorum), सभा-मंडप और प्रदक्षिणा पथ(Plexus tract) सब आदि मंदिर की भांति ही है। इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए तीन दिशाओं में प्रवेश चौकी बनाई गयी हैं। मंदिर में बानी हुई तीन खिड़कियों से हवा और प्रकाश आता है जिसके कारण पर्यटकों(Tourists) मंदिर बहुत ही सुन्दर दिखाई देता है। इस मंदिर की छत का गुम्बज अष्टकोण के आकार का है। मंदिर गुम्बज के ऊपर अलग-अलग पक्षिओं की आकृति पत्थरों पर बनायीं गई है। हालाँकि यह पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।

मंदिर के सभा मंडप की दोनों मंजिलों के स्तम्भ के उपरी हिस्से को बहुत ही सुन्दर आकार दिया गया है। यहाँ ख़ासतौर से हाथी की मुखाकृति, मत्स्य युगल (Fish couple) और कामातुर नारी (Lustful woman) के शिल्प बहुत महत्तवपूर्ण हैं। और हाँ मंदिर के बाहरी क्षेत्र में उत्तर दिशा में लक्ष्मी-नारायण है और दक्षिण दिशा में ब्रह्माजी-सावित्री मंदिर के पश्चिम में शिव-पार्वती की आकृतियां दिखाई देती हैं। हालाँकि मंदिर किसी वजह से पूरा नहीं हो पाया लेकिन इसकी ऊंचाई की वजह से यह बहुत सुन्दर दीखता है।

Komal Yadav

Komal Yadav

A Writer, Poet and Commerce Student