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फिरोज शाह कोटला किला: दिल्ली के इस किले में स्वर्ग से जिन्न आते हैं ऐसी मान्यता है

Information Komal Yadav 6 August 2021
फिरोज शाह कोटला किला: दिल्ली के इस किले में स्वर्ग से जिन्न आते हैं ऐसी मान्यता है

भारत की राजधानी दिल्ली (Delhi) देश का दिल कहा जाता है। देश की राजधानी होने के कारण यहां देश के साथ ही विदेश के सैलानियों का आकर्षण होना भी आम बात है। भारत के इतिहास और विरासत का बड़ा दौर देखा है दिल्ली ने। दिल्ली को विरासत में मिला है फिरोज शाह कोटला किला (Firoz Shah Kotla Fort)। कुतुब मीनार, लाल किला और हुमायूं के मकबरे जैसा ही दिल्ली को एक अनोखी भेंट के रूप में मिला है ये कोटला का किला।

फिरोज शाह कोटला किला के आसपास की जगह को केवल कोटला के नाम से भी जाना जाता है। यह दिल्ली के सुल्तान फ़िरोज शाह तुगलक द्वारा बनाया गया एक किला है। इस किले को बनाने के का मुख्य कारण तुगलकाबाद में पानी की कमी थी,और यही कारण था कि उस दौरा में मुगलों ने अपनी राजधानी को तुगलकाबाद से फिरोजाबाद ले जाने का फैसला किया।

फिरोज शाह कोटला किला तुगलक वंश की तीसरी पीढ़ी के शासन का प्रतीक दर्शाता है। इस किले में वह असपास रहने वाले लोग बड़ी संख्या में जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस किले में प्रार्थना स्वीकार होती है। मान्यता है कि स्वर्ग से जिन्न इस किले में आते हैं और लोगों की इच्छाओं को पूरा करते हैं। हालाँकि इसमें कितनी सच्चाई ये तो नहीं पता लेकिन लोगो की आस्था और विश्वास पर सवाल नहीं उठा सकते। घूमने के लिए यह किला एक अच्छी जगह है। इस किले के बाईं तरफ अशोक स्तंभ है और दाईं तरफ जामा मस्जिद

किले की खासियत

फिरोज शाह कोटला किला दिल्ली के सबसे पुराने किलों में से एक है। इस किले बनावट सैलानियों को अपनी और आकर्षित करती है। इस किले का निर्माण मूल रूप से एक अनियमित बहुभुज आकार में किया गया था। मलिक गाजी और अब्दुल हक्क द्वारा इस किले को डिजाइन किया गया था।

किले के आस-पास का नजारा

कोटला किले के आस-पास और भी कई Historical Monuments हैं, जहाँ आप घूम सकते हैं। इनमें हुमायू का मकबरा, लाल किला, जामा मस्जिद, इंडिया गेट और कुतुब मीनार जैसी दिल्ली की खास धरोहरें शामिल हैं।

यहाँ कैसे पोहंचे

फिरोज शाह कोटला किला दिल्ली के विक्रम नगर की वाल्मिकी बस्ती में है। यहां के लिए सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन प्रगति मैदान पाया जाता है। बस और ऑटो से भी यहां आसानी से पहुंचा सकते है।

किले में घूमने का समय क्या है ?

कोटाल फोर्ट को आप सुबह 8:30 से शाम 7 बजे तक घूम सकते हैं। इस किले को आप 1 से 2 घंटे में बहुत आराम से घूम सकते हैं और यहां वक्त बिताना सभी लोगो को काफी अच्छा लगता है। और हाँ किले में घूमने के लिए टिकट लेना जरुरी होता है। भारतीय सैलानियों के लिए इस किले में एंट्री फीस केवल 5 रुपए है तो विदेशी टूरिस्ट्स के लिए 100 रुपए।

Komal Yadav

Komal Yadav

A Writer, Poet and Commerce Student