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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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अंतरिक्ष स्टेशन से खुलेगा इस अमरीकी पक्षी ‘रॉबिन’ का रहस्य

अमरीकी पक्षी रॉबिन को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर लगे एंटिना के जरिये ट्रैक करेगा किया जायेगा। वैसे तो स्टेशन पर यह एंटिना दो साल ही पहले लगाया गया था
Information Komal Yadav 29 July 2021
अंतरिक्ष स्टेशन से खुलेगा इस अमरीकी पक्षी ‘रॉबिन’ का रहस्य

ये दुनिया का एक खूबसूरत पक्षी । यह पक्षी भी छोटी चिड़िया के समान है। इस अमरीकी पक्षी ‘रॉबिन’ की Hi story  प्राणी विज्ञानियों के लिए भी हमेशा एक पहेली है। हालाँकि इस पहली को सुलझाने के लिए Ecologist एमिली विलियम ने इस के पैरों में जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगाया है, जो इनकी यात्रा को ट्रैक करने के साथ इसकी Genetic theory और Environmental components का भी पता लगाएगा।

अमरीकी पक्षी रॉबिन को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर लगे एंटिना के जरिये ट्रैक किया जायेगा। वैसे तो स्टेशन पर यह एंटिना दो साल ही पहले लगाया गया था, लेकिन इसकी Power supply और कंप्यूटर में आई गड़बड़ी की वजह से काम असफल हुआ था। लेकिन अब इसे फिर से शुरू किया गया है।

North America का सुरीला रॉबिन यहां के लिए Climate messenger की तरह काम करता है। रॉबिन की सुरीली आवाज बारिश के आने का संदेश देती है। दरअसल अमरीका में रॉबिन की सात प्रजातियां पायी जाती हैं। रॉबिन पक्षी की मुख्य प्रजातियों में यूरोपियन रॉबिन, अमेरिकन रॉबिन, अफ़्रीकन रॉबिन, ऑस्ट्रेलियाई रॉबिन आती है। इस छोटे पक्षी को पालतू बनाकर पिंजरे में भी रखा जाता है। यह कुछ यूरोपीय देशों में भी पाया जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि सर्दियों में रॉबिन 4500 किलोमीटर तक की यात्रा कर लेता है। टैक्सास से मैक्सिको तक अपने मनपसंद जगहों पर यह यात्रा करता है।

Komal Yadav

Komal Yadav

A Writer, Poet and Commerce Student