
यूपी विधानसभा चुनाव लगभग अपने अंतिम मुकाम तक पहुच गया है इस सबके बीच कोई भी राजनेता अपनी कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता है| कभी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो कभी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी खुद चुनाव प्रचार में आरोप-प्रत्यारोप करने से नहीं चूंक रहे हैं|
फिर ये कैसे हो सकता है कि भारतीय राजनीति में एक नेता जो अपनी एक खास भाषाशैली के बारे में जाने जाते हैं वो अपनी बात करने से चूंकें ?