यूपी का मुख्यमंत्री पद संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की थी कि प्रदेश की किसी भी योजना के साथ किसी भी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं जोड़ा जाएगा किन्तु
जैसा की ज्ञात है कि यूपी का मुख्यमंत्री पद संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की थी कि प्रदेश की किसी भी योजना के साथ किसी भी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं जोड़ा जाएगा |
इतना ही नहीं , समाजवादी पार्टी की पेंशन योजना ख़त्म करने के साथ साथ ही , योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी की तरफ से जारी की गयी एम्बुलेंस सेवा से ‘समाजवादी’ नाम हटाने का फरमान जारी कर दिया था | समाजवादी नमक योजना और समाजवादी स्मार्टफोन योजना भी योगी सरकार ने रद्द कर दी |
बता दें कि पिछली सरकार ने जाते जाते 1.8 करोड़ के बैग का ऑर्डर दिया था जिस पर अखिलेश यादव की तस्वीर लगी हुई थी यह बैग कक्षा 1-8 तक के बच्चो में बांटे जाने थे| लेकिन बीच में चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई और बाकी बच्चे बैग शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास फंसे रह गए थे|
इसलिए योगी सरकार के हिसाब से ये फैसला यूपी का पैसा बचाने के वजह से लिया गया है , चूँकि बैग बनाने में पहले से ही पैसे खर्च हो चुके हैं इसलिए इनको रद्द नहीं किया जा सकता है |इसीलिए इन बैग को स्कूली बच्चों में गिफ्ट के रूप में बांटा जाएगा , जिसमें अखिलेश यादव की तस्वीर लगी हुई है |
हालांकि, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ताओं का कहना है कि “मीडिया में इस बात की खामखां ही कवरेज बनायी जा रही है , हमने भी मायावती की सरकार के बाद ऐसी कई चीजें की , जिसमें उनके बनवाये गए बर्तन बांटे जिसमें मायावती का तस्वीर लगा था तब मीडिया कहाँ थी ?” इतना ही नहीं हमने उनके द्वारा बनायी गयी मूर्तियों को साफ़ करवाने कि जिमीदार भी ली |
बहरहाल चाहे कोई कुछ भी बोले लेकिन सच यही है कि , योगी आदित्यनाथ के इस फैसले को काफी उचित और सही फैसला करार देने में कोई हर्ज़ नहीं है |