आगरा का ताजमहल (Tajmahal) दुनिया की सबसे खूबसूरत जगह है। मुगल बादशाह शाहजहां (Shajhanan) ने इस दुनिया को अनमोल तोहफा दिया है। ये प्यार का प्रतीक है। क्योंकि शाहजहां ने ताजमहल अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। श्वेत संगमरमर से बनाया गया ये हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
आइए अब हम जानते हैं ताजमहल के बारे में ऐसी बातें, जो आपने शायद ही पहले कभी सुनी होंगी।
- ताजमहल का रंग पल पल बदलता है सुबह देखने पर ये गुलाबी, रात को दुधिया सफेद और चाँदनी रात को सुनहरा भी दिखाई देता हैं। लेकिन बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण इसका रंग हल्का पीला पड़ने लगा है। इसलिए इसके आसपास पेट्रोल और डीजल के साधन बंद है।
- ताजमहल के प्रवेशद्वार पर एक लेख लिखा है – हे आत्मा, तू ईश्वर के पास विश्राम कर। ईश्वर के पास शांति के साथ रह तथा उसकी पूर्ण शांति तुझ पर बरसे।
- हिंदुओं के अनुसार ये ताजमहल वास्तव में एक शिव मंदिर था जिसका असली नाम तेजोमहालय था।
- शाहजहां ने ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के हाथ कटवा दिए ताकि कोई अन्य दूसरा ताजमहल न बनवा सके। इस बारे में कुछ इतिहासकार कहते हैं कि कलाप्रेमी शाहजहां ऐसा काम नहीं कर सकता है। हाँ ये हो सकता है कि शाहजहां ने मजदूरों को उतनी रकम दे दी हो कि उन्हें कहीं और काम न करना पड़े। उस बात पर मजदूरों ने कहा हों कि शाहजहां ने तो हमारे हाथ ही काट दिए हैं, हम काम कैसे करें।
- वैसे तो मुगलकाल के सभी स्मारक लाल पत्थर से बनाये गए हैं, लेकिन केवल ताजमहल ही सफ़ेद संगमरमर से बनाया गया है। इसको बनाने के लिए रंगीन पत्थर पूरी दुनिया से मंगाए गए थे।
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मुमताज और शाहजहां की असली कब्रें साल में सिर्फ तीन दिन खुलती है। पहले ये कब्रें आम पर्यटकों के लिए भी खोली जाती थीं। इन कब्रों पर चढ़ावा भी चढ़ाया जाता था, जो बंद कर दिया गया है।
- ताजमहल की नींव कुआं आधारित है। विशेषज्ञों का ये कहना है कि इसको सुरक्षित बनाये रखने के लिए यमुना दीवार से सटकर बहना जरुरी है।
- शाहजहाँ ताजमहल जैसी ही एक काली इमारत बनाना चाहता था जिससे वे इसकी खुबसुरती को देख सके। हालाँकि जब शाहजहां को उसके बेटे औरंगज़ेब ने कैद कर लिया तो उसका ये सपना बस सपना ही रही गया।
- शाहजहां ने 1631 में इसे बनवाने की घोषणा की, लेकिन इसका निर्माण कार्य 1632 में शुरू हुआ। हालाँकि ताजमहल के निर्माण की व्यापक तैयारी की गई।
- ताजमहल की बहार की चारों मीनारे 41.6 मीटर ऊँची हैं और इन्हें बाहर की ओर हल्का सा झुकाया गया है ताकि यह मीनारें भूकंप आने पर मक़बरे पर न गिरकर बाहर की तरफ गिरें।
- ताजमहल को जाने वाले मुख्य मार्ग के बीच जो फव्वारे लगे है वह किसी पाइप से नही जुड़े हुए है लेकिन हर फव्वारे के नीचे तांबे का एक टैंक है। हालाँकि यह सभी टैंक एक ही समय पर एक साथ भरते है और उसमे दबाव बनने पर एक साथ ही पानी छोड़ते हैं।
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कुतुबमीनार को देश की सबसे ऊंची इमारत कहा जाता है, लेकिन देखा जाए तो इसकी ऊंचाई ताजमहल
के सामने छोटी पड़ जाती है। ये कुतुब मीनार से 5 फीट जितना ज्यादा ऊंचा है।
- ताजमहल शब्द के अंत में ‘महल’ मुस्लिम शब्द है ही नहीं, हालांकि अफग़ानिस्तान से लेकर अल्जीरिया तक कोई भी मुस्लिम देश में एक भी ऐसी इमारत नहीं है जिसे महल के नाम से पुकारा जाता हो।