भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) का 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन एक तरफ और 2018 के अंत में हुए विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन दूसरी तरफ। जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रो-इनकम्बेंसी फैक्टर ने काम कर दिखाया तो वहीं दूसरी ओर दिसबंर 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव से ही भाजपा को लगभग सभी राज्यों में एंटी-इनकम्बेंसी झेलनी पड़ी है। 2017 के दौरान पार्टी अपने चरम पर थी और भारत के करीब 71 फीसदी हिस्से पर भाजपा की सरकार थी, लेकिन आज वो महज 35 फीसदी तक सिमट कर रह गई है। साल 2017 में तो भाजपा लगभग पूरे ही हिंदीभाषी क्षेत्र पर राज कर रही थी, लेकिन हाल ही में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में तो पार्टी की सबसे बुरी हार हुई है। झारखंड में भाजपा अपनी सरकार बचाने में नाकाम तो रही है बल्कि साल 2014 के बाद से पहली बार ऐसे राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर भी नहीं उभर पाई है, जहां पर वो पहले से सत्ता में थी।
अमित शाह नवंबर-दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में भाजपा की विजयगाथा का गुणगान किया करते थे। वो अपने भाषणों में कहते थे कि महाराष्ट्र में कांग्रेस गई भाजपा आई, हरियाणा में कांग्रेस गई भाजपा आई, जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस गई भाजपा आई, झारखंड में कांग्रेस गई भाजपा आई। मई 2014 से नवंबर 2018 के बीच 22 राज्यों में चुनाव हुए थे और इन 22 राज्यों में से भाजपा 14 राज्यों में जीती थी। इसी समय के दौरान भाजपा 8 राज्यों में चुनाव हारी, जिनमें दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पंजाब और कर्नाटक थे। नवंबर-दिसंबर 2018 के दौरान 5 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव हुए थे, तब से लेकर भाजपा का प्रदर्शन लगातार गिरता ही जा रहा है।
कब-कब भाजपा कहां जीती-हारी चुनाव
- 2014: भाजपा ने महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई
- 2015: भाजपा दिल्ली और बिहार दोनों राज्यों के चुनाव हार गई। हालांकि, बिहार में उस वक्त नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में समर्थन वापस लेकर इस्तीफा दे दिया और फिर भाजपा के साथ सरकार बना ली थी।
- 2016: भाजपा ने असम में चुनाव जीता और पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में भाजपा की हार हुई।
- 2017: भाजपा ने गोवा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में सरकार बनाई, जबकि पंजाब का चुनाव भाजपा हार गई थी। आपको बता दें कि गुजरात चुनाव में भाजपा को भारी एंटी-इनकम्बेंसी झेलनी पड़ी थी। साल 2012 के चुनाव की तुलना में भाजपा को 2017 में 16 सीटें कम मिलीं और 182 सीटों वाली इस विधानसभा में उसे महज 99 सीटों से संतोष करना पड़ा।
- 2018: भाजपा ने पहली बार त्रिपुरा में चुनाव जीता और बाकी सभी राज्यों में भाजपा हार गई। हालांकि, कर्नाटक में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर जरूर उभरी, लेकिन सरकार नहीं बना सकी और कांग्रेस-जेडीएस ने मिलकर सरकार बना ली थी।
- 2019: भाजपा हरियाणा में सरकार बनाने में सफल तो हुई, लेकिन बमुश्किल। हरियाणा में भाजपा को बहुमत नहीं मिला था तो उसे जेजेपी के साथ गठबंधन कर के सरकार बनानी पड़ी। इसके अलावा महाराष्ट्र में भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और जीती भी, लेकिन शिवसेना ने मुख्यंत्री पद ना मिलने पर भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन के साथ सरकार बना ली। वहीं ओडिशा, आंध्र प्रदेश और झारखंड में भाजपा चुनाव हार गई।
2020 होगा चुनौतियों भरा
एक बार फिर से भाजपा को 2020 में दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनावों का सामना करना है वहाँ भी भाजपा के लिए राह आसान नहीं दिख रहा है । मौजूदा समय में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है। आपको बता दें कि 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से महज 3 सीटें जीती थीं। वहीं दूसरी ओर, बिहार में भी भाजपा को जनादेश नहीं मिला था, लेकिन नीतीश कुमार के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार बना ली थी। इस बार देखना दिलचस्प रहेगा कि भाजपा को बिहार से कैसी प्रतिक्रिया मिलती है। इसके बाद आने वाले सालों में असम, गोवा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और त्रिपुरा में चुनाव होने हैं और इन सब में भाजपा ही सत्ता मे है। भाजपा के लिए इन राज्यों में सत्ता बचाए रखना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि ये चुनाव भी भाजपा के लिए उतने ही कठिन होंगे, जितने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के चुनाव थे।