कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे कुछ ज्यादा ही पड़े हैं, पहले तो नीच कह कर पार्टी से भीबर्खास्त हुए फिर दोबारा उनकी कांग्रेस में वापसी हुई है। इस बार अभी तक तो वो शांत थे, लेकिन चुनाव के अंतिम दौर में आते आते उन्होंने फिर से जहर घोल दिया है। मणिशंकर अय्यर ने इस बार पीएम मोदी पर नहीं बल्कि पत्रकारों पर आपा खो दिया है। दरअसल उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कई सवाल पूछे जा रहे थे। जिस पर अय्यर नाराज हो चले, और इतना ही नहीं उन्होंने पत्रकार को घूंसा दिखाते हुए कहा कि मैं तुम्हें मार दूंगा। बस फिर क्या था, एक बार फिर से सुर्खियां बन गए अय्यर और राहुल गांधी के लिए मुसीबत भी। आपको बता दें कि अय्यर ने मई 2017 में मोदी को ‘नीच व्यक्ति’ कहा था, जिसके बाद अब लगभग 2 साल उनसे इस बारे में कुछ पत्रकारों ने बात की तो वो अभी भी अपने इस बयान पर कायम है।अय्यर ने कहा कि मैं अब अपने उस बयान पर कायम हूं। इस पर बहस करने की मेरी कोई इच्छा नहीं है।
वहीं जब पत्रकार ने आगे सवाल किया तो अय्यर ने कहा कि भारत में एक ही व्यक्ति है, उनके तीखे हमले आपने नहीं देखे, उनसे सवाल करो। वो आपसे बात इसलिए नहीं करते, क्योंकि वे डरपोक हैं। इसके बाद अय्यर ने कहा कि अब आप मुझसे कोई सवाल नहीं कर सकते है। पत्रकार ने अय्यर को नाराज न होने के लिए कहा तो वो जाते-जाते पत्रकार के लिए अपशब्दों का भी इस्तेमाल कर गए। एक पत्रकार के सवाल पर आपा खोने वाले अय्यर का फिर से मीडिया के हत्थे चढ़ना और मोदी के प्रचार का हिस्सा बनना पक्का है। कभी डराते धमकाते हैं तो कबी जुबान से जहर घोल देते हैं और बीजेपी को विजयमणि दे जाने वाले इन कांग्रेसी नेताओं से ही सबसे पहले राहुल गांधी को छुटकारा पाने की जरूरत है।
‘आप लोग मधुमक्खी जैसे’
अय्यर ने कहा कि मैंने आर्टिकल में एक लाइन लिखी थी। मीडिया के चक्कर में नहीं फसूंगा। मैं उल्लू हूं, लेकिन इतना बड़ा उल्लू नहीं हूं। आप लोग मधुमक्खी जैसे हैं, जहां पर कुछ शहद हो, वहां पर पहुंच जाते हो। आज मुझे बर्बाद करके कल कहीं और किसी और फूल पर पहुंच जाओगे।
अय्यर ने ‘राइजिंग कश्मीर’ में लिखा था आर्टिकल
अय्यर के मुताबिक 23 मई को देश की जनता उन्हें बाहर कर देगी। मोदी भारत में अब तक के सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाले प्रधानमंत्री हैं। मुझे याद है कि 7 दिसंबर 2017 को मैंने क्या कहा था। क्या मैं भविष्यवक्ता नहीं था? मैंने हाल ही में सुना कि प्रधानमंत्री वायुसेना को बादल होने के बावजूद बालाकोट स्ट्राइक का आदेश दिया। एयरफोर्स के अफसरों ने इसे तब तक टालने को कहा था जब तक मौसम ठीक न हो जाए। लेकिन वो अपना 56 इंच का सीना और चौड़ा करना चाहते थे। उन्होंने सोचा कि बादल हमारी वायुसेना के लिए इसलिए ठीक रहेंगे क्योंकि इसके चलते पाक वायुसेना कोई कार्रवाई नहीं कर पाएगी। ये हमारी वायुसेना का अपमान है। उन्हें शायद ये नहीं पता कि रडार कोई टेलिस्कोप नहीं होता जो कि बादलों के पार न देख सके। क्या मोदी वायुसेना के सीनियर अफसरों को मूर्ख समझते हैं कि उनके सामने ऐसा अवैज्ञानिक तर्क रखा?
2014 में ‘चायवाला’ से विवाद शुरू किया था
नरेंद्र मोदी के खिलाफ शुरु से ही अय्यर काफी हमलावर रहे हैं और कई बार वो उनपर गलत शब्दों का इस्तेमाल करते रहे हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान मोदी के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि 21वीं सदी में नरेंद्र मोदी कभी भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, नहीं बनेंगे, नहीं बनेंगे। यहां पर आकर चाय बांटना चाहें तो हम उनके लिए जगह दे सकते हैं। हालांकि अय्यर के इस बयान के बाद बीजेपी के चुनाव प्रचार की दिशा बदल गई थी। मोदी ने अपनी रैलियों में खुद के चायवाला होने का मुद्दा खूब भुनाया था।
वहीं 7 दिसंबर 2017 में गुजरात चुनाव के पहले अय्यर ने कहा कि जो अंबेडकरजी की सबसे बड़ी ख्वाहिश थी, उसे साकार करने में एक व्यक्ति सबसे बड़ा योगदान था। उनका नाम था जवाहर लाल नेहरू। अब इस परिवार के बारे में ऐसी गंदी बातें करें, वो भी ऐसे मौके पर जब अंबेडकरजी की याद में बहुत बड़ी इमारत का उद्घाटन किया गया है। मुझे लगता है कि ये आदमी बहुत नीच किस्म का है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है। इसका भी पीएम मोदी ने चुनावी प्रचार में काफी ज्यादा इस्तेमाल किया था। जिस पर उन्होंने काफी हद तक लोगों की सद्भावना ली थी। खामियाजी कांग्रेस को बुगतना पड़ा था। अब एक बार फिर से मणिशंकर अय्यर ने हरकतें कर दी है, तो क्या इसका खामियाजा भी कांग्रेस को उठाना पड़ेगा, हालांकि इस बार वो 7वें चरण से पहले ही सामना आए हैं, बाकी पूरे चुनाव में उन्होंने कुछ ऐसा नहीं बोला है। लेकिन ये आखिरी चरण पर इसका असर पड़ना कांग्रेस के लिए नुकसानदायक हो सकता है।