भाईसाब इस समय जज अगर किसी को फांसी को दे और पूछे की “लाला तुमाई आखिरी इच्छा क्या है” तो वो बन्दा ये नहीं कहेगा कि मुझे तरबूज खाना है बल्कि कहेगा की मुझे मिर्जापुर का दूसरा सीजन दिखवा दीजिए. मतलब ऐसा जलवा है कालीन भैया का. अब ये जलवा इसलिए है कि दूसरे सीजन में भी एक से बढ़कर एक डायलॉग है. आइये पढवाते हैं आपको….
1 – जब कुर्बानी देने का टाइम आए तो सिपाही की दी जाती है. राजा और राजकुमार जिन्दा रहते हैं गद्दी में बैठने के लिए.
जब कालीन भैया अपने इकलौते सुपुत्र और स्वघोषित प्रिंस ऑफ़ मिर्जापुर मुन्ना भैया को सीएम से मिलवाने ले जाते हैं तो कालीन भैया कहते हैं कि “मुन्ना क्या सीखे?” तब मुन्ना भैया चौड़ में आकर ये डायलाग अपने मुखारविंद से निकालते हैं जो कि हमेशा के लिए अमर हो जाता है.
2 – शर्मा से क्या शर्माना, दिस इज अ कॉमन डिसीस-
भाईसाब कालीन भैया कितने भी बड़े बाहुबली क्यों ना हो एक जगह ऐसी है जहाँ उनकी कतई नहीं चलती. वो है बीना भाभी के सामने. वो डायलॉग है कि “हर बार ऐसे ही छोड़ देते हैं हमको”. बस सही पकडे हो. इसी सिलसिले में कालीन भैया चिकित्सक को दिखाने जाते हैं और जो चिकित्सक महोदय होते हैं उनका नाम होता है शर्मा. और वो कहते है कि शर्मा से क्या शर्माना.
3- शादीशुदा मर्द को अपने स्त्री से भय ना हो इसका मतलब शादी में कुछ गड़बड़ है-
भाईसाब कालीन भैया के मुंह से निकला हर एक वाक्य डायलॉग की श्रेणी में आता है. कालीन भैया जब एसपी मौर्या (वही जो मर गए थे) के साथ खाने की टेबल में बैठे होते हैं तब ये डायलॉग बोलते हैं. और बीना भौजी से हामी भी भरवाते हैं.
4- दिखाते समय कॉन्फिडेंस हो तो पब्लिक नही पूछती की फाइल में क्या है-
मुन्ना भैया का सिक्का जहाँ चलता है उस जगह का नाम है गज्जुमल कॉलेज. जहाँ बोले थे की पढने लिखने वाले छात्रों को राजनीति से दूर रहना चाहिए. वहां पर एक मोहतरमा भाषण देने के लिए आतीं हैं और वो जब जनता के बीच बोल रहीं होती हैं तो एक फाइल निकालती हैं लेकिन वो खाली होती है. तब मुन्ना भैया के कहने पर ये डायलॉग उन मोहतरमा के मुंह से निकलता है.
4- कुछ लोग बाहूबली पैदा होते हैं और कुछ को बनाना पड़ता है, इनको बाहुबली बनाएंगे
‘अब भाईसाब ये डायलॉग तो कालीन भैया ही बोल सकते हैं. और बोलेंगे किसके लिए. वही अपने इकलौते चश्मों चिराग अजर अमर श्रीमान मुन्ना जी भैया. लाल फूल पीला फूल, मुन्ना भैया ब्यूटीफूल”
5 – औरत चाहे चंबल की हो या पूर्वांचल की, जब गन उठाई है तो इसका मतलब है कि दिक्कत में है
अब ये बाकी के डायलॉग हम नहीं बताएँगे की कौन कब बोला. इसके लिए देख डालिए मिर्जापुर.
6 – बातें ज्यादा हुई नहीं, बस आहट लेकर आ गए
ऊपर बताएं हैं ना कि अब नहीं बताएँगे की कौन कहाँ बोला डायलॉग .
तो भाई चाहते हैं कि कुछ मजा मिले तो देख डालिए मिर्जापुर और शेयर कर डालिए इस आर्टिकल. इतना शेयर मारिये की पूरा मिर्जापुर धुंआ-धुंआ हो जाए और मामला कालीन भैया तक पहुँच जाए.