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लिक्वोराइस रुट यानी मुलेठी की जड़ के हैरान कर देने वाले फायदे

एक बात जानकर आपको हैरानी होगी कि हमारे घर की रसोई में रखे हर चीज़ में कुछ न कुछ गुण जरूर होते है। जैसे जीरा हमारे पाचन शक्ति को ठीक रखता है ,हल्दी से हमारा चेहरा दमकता रहताहै साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है। ब्लड प्रेशर को क्रमश घटाने और बढ़ाने में चीनी और नमक उपयोगी होता है, इत्यादि।

आज हम बात करेंगे मुलेठी की ,जिसका सही इस्तेमाल करके हम इसके कई सारे फायदे पा सकते है।

1 . आसानी से उपलब्ध

प्राचीन समय से ही मुलेठी का अपना खास महत्त्व रहा है। आज भी यह भारीतय घरो में आराम से मिल जाता है। अन्य आयुर्वेदिक जड़ी -बूटियों की तुलना में मुलेठी आसानी से मिल पाता है।

2 . पहचान

मुलेठी हल्के पीले रंग की होती है और इसकी गंध बहुत तेज होती है। पतली लकड़ी जैसी मुलेठी में बहुत गुण होते है ,जो हमारी कई सारे तकलीफो से छुटकारा दिलाने में सहायक होते है।

3 . यदि मुँह सूखने लगे तो

मुलेठी में तासीर ठंडी होती है,  और लगभग 50 प्रतिशत पानी की मात्रा भी होती है। इसलिए यदि कभी मुँह सूखने लगे तो इससे हमे बार -बार चूसना चाहिए। यह स्वाद में उतना बुरा भी नहीं होता है।

4 . खांसी का रामबाण इलाज

सुखी खांसी की इलाज में मुलेठी बहुत लाभकारी होती है। इसको चूसने से गले को रहत मिलती है और खांसी रुक भी जाती है।

5 . त्वचा रोग में लाभकारी

त्वचा रोग भी यह लाभकारी है. पफोड़ों पर मुलेठी का लेप लगाने से वे जल्दी पककर फूट जाते हैं. मुलेठी और तिल को पीसकर उससे घृत मिलाकर घाव पर लेप करने से घाव भर जाता है.

6 . दिल के लिए भी उपयोगी

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि मुलेठी हृदय रोग में भी लाभकारी है. 3-5 ग्राम तथा कुटकी चूर्ण को मिलाकर 15-20 ग्राम मिश्री युक्त जल के साथ प्रतिदिन नियमित रूप से सेवन करने से हृदय रोगों में लाभ होता है. इसके सेवन से पेट के रोग में भी आराम मिलता है. मुलेठी का क्वाथ बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीने से उदरशूल मिटता है.

7 . पेट के अल्सर में उपयोगी

पेट के अल्सर को ठीक करने में मुलेठी एक अचूक दवा है। इसका चूर्ण अल्सर के अपच और हाइपर एसिडिटी को दूर करता है।

8 . त्वचा सूंदर और निरोगी बनाये

मुलेठी के एक ग्राम चूर्ण को पानी के साथ लेने से ,सुंदरता लम्बे समय तक टिकी रहती है।

9 . नेत्र रोग में सहायक

पतंजलि आयुर्वेद हरिद्धार के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि मुलेठी के क्वाथ से नेत्रों को धोने से नेत्रों के रोग दूर होते हैं. मुलेठी की मूल चूर्ण में बरबर मात्रा में सौंफ का चूर्ण मिलाकर एक चम्मच प्रात: सायं खाने से आंखों की जलन मिटती है तथा नेत्र ज्योति बढ़ती है. मुलेठी को पानी में पीसकर उसमें रूई का फाहा भिगोकर नेत्रों पर बांधने से नेत्रों की लालिमा मिटती है.