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कोरोना वायरस के लिए एक सरकार को क्या कदम लेने चाहिए ये केरल सरकार से सीखें

कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया पर है और हर देश अपने-अपने तरीके से लड़ रहा है। भारत में भी इसका पूरा असर देखने को मिल रहा है, राज्य सरकारें और केंद्र सरकार अपनी तरफ से कई रास्ते सुझा रही है जिससे कोरोना वायरस से बचा जा सके। लेकिन एक राज्य ऐसा है जो इससे अलग निकल कर आ रहा है और असल में कोरोना वायरस को मात दे रहा है। ये राज्य केरल है और केरल सरकार ने बाकी राज्यों के लिए उदाहरण पेश कर दिया है। केरल ने अपने नागरिकों के लिए 20,000 करोड़ के स्पेशल पैकेज की घोषणा कर दी है। इस वायरस के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से निबटने और आम जनता की रोजमर्रा की समस्याओं से राहत देने के लिए केरल की लेफ्ट सरकार ने इस विशेष पैकेज की घोषणा की है।

केरल सरकार की घोषणाएं

वहीं मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य के सेना और पुलिस के आला अफसरों से भी मीटिंग की गई है। आनेवाले समय में कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए सेना के संस्थानों के प्रयोग पर भी सहमति हुई। सेना के अस्पतालों को अस्थायी तौर पर रोग से लड़ने में प्रयोग किया जाएगा। राज्य सरकार हर परिस्थिति के लिए तैयार है। टेस्टिंग सेंटर और अस्पतालों की विशेष व्यवस्था की जा रही है। विशेष परिस्थिति में मरीजों की ढुलाई के लिए सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी। इसके साथ एम्बुलेंस और अन्य सुविधाओं की भी उचित व्यवस्था की जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री ने बताया कि इन प्रयासों का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना है।

जमीन पर काम कर रही है राज्य सरकार

केरल सरकार इन घोषणाओं से पहले भी इस महामारी से निपटने के लिए जमीन पर काम कर रही थी। जहां देश में स्कूलों को बंद कर दिया गया था और उन्हें मिलने वाला मीड डे मील भी बंद कर दिया गया, ऐसे में केरल सरकार ने बच्चों के घरों तक मीड डे मील पहुंचाया था। इसके साथ ही केरल सरकार ने ब्रेक द चेन नामक मुहिम शुरू की थी जिसके तहत हर सार्वजनिक स्थल पर हाथ धोने की और सैनिटाइज करने की व्यवस्था की गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में वर्क फ्रॉम होम की बात कही। लेकिन सवाल ये है कि ये सहूलियत कितने लोगों के पास मौजूद है।

क्या ठेका मजदूर, दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा, ऑटो चालक, रेहड़ी-पटरी वाले वर्क फ्रॉम होम कर पाएंगे? तो उनका जीवनयापन कैसे होगा? इसके साथ ही उन्होंने लोगों से घर से न निकलने की बात कही तो फिर सवाल उठता है कि घरों में राशन पानी की व्यवस्था कैसे होगी। इसके अलावा ही जो टैक्सी खाली खड़ी हैं उनकी किस्त कौन भरेगा। मोदी सरकार ने तो खुद को इन सवालों से दूर रखा लेकिन केरल सरकार ने इन सभी सवालों को देखते हुए 20,000 करोड़ का पैकेज का ऐलान किया है। लेकिन अन्य किसी राज्य ने इस तरह की कोई घोषणा नहीं की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मजदूरों की मदद की बात कही थी लेकिन उसको लेकर अभी तक कोई ठोस रूपरेखा नहीं बताई है।