जम्मू कश्मीर की राजनीति में आज भाजपा इस वजह से प्रासंगिक है, क्योंकि वो जम्मू की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है. वहीं इस प्रदेश के दूसरे हिस्से यानी कश्मीर में इसका कोई वजूद नहीं है. भाजपा को जम्मू संभाग की बड़ी पार्टी बनाने का श्रेय अगर गिनती के कुछ नेताओं को जाता है तो उनमें से एक बड़ा नाम आता है पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक लाल सिंह का. जिस लाल सिंह ने जम्मू में पार्टी को उंचाई पर पहुंचाया, अब उन्होंने नई पार्टी का गठन कर लिया है. पहले सामाजिक और फिर राजनीतिक संगठन में तब्दील हुई उनकी इस नई पार्टी का नाम डोगरा स्वाभिमान संगठन है.
भाजपा की बढ़ी मुसीबत
लाल सिंह के इस कदम से पूरी भारतीय जनता पार्टी सकते में है. लाल सिंह कभी कांग्रेस के बड़े नेता हुआ करते थें. वो 2004 और 2009 में जम्मू के उधमपुर सीट से कांग्रेस के सांसद थें. कांग्रेस ने उनका टिकट काटा तो वो भाजपा में आ गए. उनका भाजपा में आना जम्मू कश्मीर की राजनीति की एक बड़ी घटना थी. खुद नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने इसे बड़ी सफलता मानी थी. आज वही लाल सिंह भाजपा के लिए आत्मघाती बन गए हैं. सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार लड़ा रहे हैं और एक बार खुद जम्मू की दो लोकसभा सीटों से मैदान में हैं.
लाल सिंह ने बिगाड़ा खेल
पूर्व मंत्री लाल सिंह खुद जम्मू पूंछ और उधमपुर डोडा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इन दोनों सीटों पर भाजपा का खासा वर्चस्व है लेकिन लाल सिंह के मैदान में आने से सभी दलों के समीकरण उलट पुलट गए हैं. अब इन दोनों सीटों पर यह भी बताना मुश्किल हो गया है कि लड़ाई किस प्रत्याशी से है. फिलहाल पार्टी को मान्यता नहीं मिलने के कारण लाल सिंह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं.
जितेंद्र सिंह को जितवाने में अहम भूमिका
जम्मू कश्मीर की राजनीति के जानकार बताते हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को उधमपुर सीट से विजय दिलाने में लाल सिंह की सबसे बड़ी भूमिका थी. इसी वजह से भाजपा ने उन्हें विधानसभा का टिकट दिया और राज्य की महबूबा सरकार में अपने कोटे से मंत्री भी बनाया. माना जा रहा है कि लाल सिंह के चुनाव लड़ने की वजह से भाजपा इन दोनों सीटों को गंवा सकती है. इन दोनों सीटों पर 11 अप्रैल को यानी पहले चरण में मतदान होना है.