आजकल देश में फिर से राजनीति का बुखार जोरो पर है, मतलब साफ़ है 2019 करीब है ,और सभी राजनितिक पार्टिया अपनी गोटिया आगे बढ़ाने में आगे लगी है। एक दूसरे पर कीचड़ फेकने की होड़ लगी हुई है, साथ ही एक दूसरे को अलग अलग नामो से पुकारना और उनको ट्रोल करना भी जारी है।
आज हम कुछ इन्ही नामो पर बात करेंगे। लेकिन साथ ही हमारा उद्देश्य किसी भी भावना को ठेस पहुँचाना नहीं है।
1. राहुल गाँधी
(पप्पू )-
सबसे प्रचलित नाम आजकल यही चल रहा है, बता दें कि सबसे पहले राहुल गांधी को इस नाम से सम्बोधित करने वाले थे कवी कुमार विश्वास | कुछ समय बाद लोगों ने राहुल गाँधी को सोशल मीडिया पर ट्रोल करना शुरू किया और राहुल गाँधी का दूसरा नाम ही पप्पू रख दिया गया है। उनके विरोधी उनको कमजोर बताने के लिए उनको पप्पू बोलते है।
(शहजादे साहब)-
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी मोदी कि जुबान से आये दिन राहुल गाँधी को शाहज़ादा सुनने को मिल ही जाता है | दरअसल ये नाम उनको वंशानुवत पारिवारिक राजनीति में उतरने के लिए दिया गया |
2. नरेन्द्र मोदी
(फेकू सिंह )-
दूसरे नंबर पर आजकल फेकू बड़ा ट्रेंड में चल रहा है। मोदी के विरोधी इनको फेकू नाम से सम्बोधित करते है। इनके विरोधियो के अनुसार मोदी सिर्फ भाषण देते है ,करते कुछ नहीं है। इसलिए ये सिर्फ फेंकते है इसलिए फेंकू नाम रख दिया गया।
(चौकीदार चोर है )-
नरेंद्र मोदी ने कभी कहा कि, मुझे इस देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों ने चुना है इसलिए मैं उनका सेवक उनका चौकीदार हूँ | अब इस देश का पैसा कही नहीं जाने दूंगा, ना खाऊंगा न खाने दूंगा |
इस बात को बहुत ज्यादा दिन बीते नहीं थे कि उनके कुछ ख़ास करीबी कारोबारी व गुजरात के प्रख्यात बिज़नेस मैन लोग देश का पैसा लेके विदेशों में चले गए | बस फिर क्या था मिल गया मुद्दा और लोगों ने कहना शुरू किया ‘चौकीदार ही चोर है‘|
3 .मनमोहन सिंह
(रिमोट से चलने वाले प्रधानमंत्री )-
भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनके बॉडी लैंग्वेज की वजह से रिमोट से चलने वला कहते है ,लेकिन ये नाम उनको इसलिए दिया गया, क्योंकि उनके विरोधियो को लगता है कि वो कोई भी फैसला खुद नहीं ले पाते या गाँधी परिवार के द्वारा उनको लेने दिया ही नहीं जाता है।
(रोबोट)-
दरअसल मनमोहन सिंह बहुत कम बोलने वाले और शांतिपूर्ण अपनी बात को रखने वाले व्यक्तित्व हैं | उनके चाल ढाल व बॉडी लैंग्वेज को देख के विरोधियों ने उनको रोबोट कि तरह शांत रह के रोबोट कि तरह चलने वाला बताया जो कि रोबोट की ही तरह उनमे फिट प्रोग्रामिंग के हिसाब से ही काम करता है और खुद का कोई कॉमन सेंस नहीं इस्तेमाल करते हैं |
जो भी उनको कुछ भी कहता है ,उनको पहले यह समझना चाहिए कि भारतीय राजनीति में मनमोहन सिंह जैसा सभ्य इंसान कोई दूसरा कोई है तो सिर्फ दिवंगत राष्ट्पति ए पी जे अब्दुल कलाम।
4 . मायावती और अखिलेश यादव
(बुआ और भतीजा )-
आजकल फिर से बुआ और भतीजा न्यूज़ में है, क्योकि फिर से माया और अखिलेश ने चुनावी गठबंधन किया है। सोशल मीडिया में इसको मज़बूरी का गठबंधन कहा जा रहा है।
जब अखिलेश सीएम थे तब मायावती ने उनपर कुछ आरोप लगाया था ,तब अखिलेश ने हंसकर कहा था की वो हमारी बुआ है ,हमे बोल सकती है, शायद तभी से बुआ और भतीजा चल निकला। अखिलेश का मुस्कराहट ही उनके विरोधियो को जलाने के लिए काफी है। और अगर बहन जी ने एक सामान्य टीचर से लेकर सी ऍम तक का सफर तय किया तो बात तो है उनके अंदर ना।
5 . अरविन्द केजरीवाल
(खुजलीवाल )-
अरविन्द केजरीवाल भारतीय राजनीति का एक ऐसा चेहरा जिसने बहुत ही कम समय में अपने आप को मजबूत बनाया है। उनके ऊपर यह भी आरोप है कि उन्होंने जिस अन्ना का सहारा लिया ,उन्ही को भुला दिया। लेकिन जिससे दिल्ली की जनता ने दो -दो बार प्रचंड बहुमत से साथ दिया तो ,बंदे में कुछ तो बात है ना।
अरविन्द अक्सर सिस्टम से खुश नहीं रहते है और कुछ ना कुछ कमिया निकालते रहते है , सामान्य भाषा में ऊँगली करते रहते है ,इसीलिए शायद उनको खुजलीवाल नाम दे दिया गया होगा।
(मफलरमैन)-
अरविन्द केजरीवाल आमतौर पर अपनी खांसी और ठण्ड की परेशानी से जजते रहते हैं | इसलिए ठंडी के मौसम पर आमतौर पर वो मफलर में होते हैं | बता दे कि उनको मफलर मन का नाम सबसे पहले देने वाले हैं ‘ऑल इंडिआ बकचोद’ यूट्यूब चैनल के लोग|
6 . ममता बनर्जी
(दीदी )-
बंगाल की राजनीति में ममता बनर्जी उर्फ़ दीदी एक बड़ा नाम है। मायावती ,जयललिता की तरह ममता भी अविवाहित है ,इसलिए पार्टी के कार्यकर्ताओ ने उन्हें दीदी बोलने लगे ,और अब तो ममता दीदी नाम से ही जानी जाती है। आजकल दीदी भाजपा के साथ अपने दुश्मनी को लेकर जानी जाती है। उनपर बंगाल पर मुस्लिमो को तरजीह देने के आरोप लगते है। फिर भी हर चुनाव में उनके पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। यही उनकी ताकत दिखता है।
7 . जयललिता
(अम्मा )-
अब अम्मा दिवंगत हो चुकी है ,लेकिन कभी तमिलनाडु की राजनीति में उनकी तूती बोलती थी। अम्मा नाम उनको इसलिए मिला क्योकि वहा की जनता को वे अपने बच्चो की तरह मानती थी और लोग उन्हें अपनी माँ। इसलिए उन्हें अम्मा ही कहा जाने लगा। उनकी लोकप्रियता का आलम यह था की उनके मरने की खबर ही सुनकर वहा के लोग सदमे में कुछ लोग चल बसे।
8 . नितीश कुमार
(सुशासन बाबू )-
बिहार में पहले एक जुमला चलता था कि जब तक समोसे में रहेगा आलू ,बिहार में रहेगा लालू। लालू के साम्राज्य को तोड़ने का श्रेय नितीश कुमार को ही जाता है। उनके अच्छे कार्य की वजह से ही उन्हें सुशासन बाबू कहा जाता है। बिहार में शराब बंदी करके उन्होंने इसको सिद्ध भी कर दिया है। बिहार की राजनीति में आज नितीश कुमार एक बड़ा नाम है।
9 . शिवराज सिंह
(मामा )-
शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के सीएम रह चुके है। और वो भी यहाँ के लोगो के बीच काफी लोकप्रिय है और प्यार से लोग इन्हे मामाजी भी बोलते है। जब इस बार यहाँ से कांग्रेस से जीत गयी तो उनके आँखों से आंसू छलक गए थे ,वजह सिर्फ ये था की इस बार उन्होंने वह के लोगो के लिए बहुत कुछ करने को सोचा था।
तो ये थे भारतीय राजनीति के कुछ मजबूत स्तम्भ, जिनके बिना राजनीति सूनी -सूनी सी है। सभी पर उनके विरोधी आरोप लगते है , बदनाम किया जाता है। लेकिन भाई लोग क्यों भूलते है कि जो है नाम वाला वही तो बदनाम है। नाम बनाने के लिए बदनाम भी होना पड़ता है। ये राजनीति है, यहाँ सबकुछ जायज है।