केंद्र सरकार के द्वारा कोरोना टीकाकरण को लेकर पूरे देश में अभियान चलाया जा रहा है। सरकार के द्वारा तो साफ कहा जा रहा है कि ये देश का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण अभियान है। लेकिन हर थोड़े दिनों में इस पर सवाल उटते हैं। पूरे देश में सरकार के द्वारा डंका बजाया जाता है। बीते महीने 21 जून को देशभर में 86 लाख से ज्यादा लोगों को टीकाकरण के डोज लगाकर World record बनाया गया था।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान केंद्र सरकार (central government) की शीर्ष थिंक टैंक संस्था नीति आयोग ने 13 मई को दावा किया था कि भारत में अगस्त से दिसंबर के अंत तक 216 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध कराई जाएंगी। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल (Dr. VK Paul) ने इन उपलब्ध होने वाली वैक्सीन डोज का पूरा रोडमैप जारी किया था। जिसमें बताया गया था कि भारत में कौन-कौन सी वैक्सीन और उनकी कितनी डोज उपलब्ध होंगी?
केंद्र सरकार ने मानी टीकाकरण में कमी
लेकिन, कोरोना टीकाकरण को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि अगस्त से दिसंबर के बीच 135 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है। इसी के साथ केंद्र सरकार ने ये भी माना कि कोरोना महामारी के उभरते हुए हालात को देखते हुए वैक्सीनेशन अभियान (vaccination campaign) को पूरा करने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है।
हालांकि, केंद्र सरकार ने ये उम्मीद जताई है कि दिसंबर 2021 के अंत तक 18+ आबादी का वैक्सीनेशन पूरा कर लिया जाएगा। भारत में टीकाकरण को लेकर लंबे समय से तमाम आशंकाएं जताई जा रही थीं लेकिन, अब केंद्र सरकार ने खुद ही वैक्सीन की कमी की बात स्वीकार कर ली है।
भारत में 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुए टीकाकरण अभियान में अब तक लगभग 43 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। लेकिन, इनमें से केवल 9.10 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन के दोनों डोज लगे हैं। जो कि 18+ की कुल आबादी 10 फीसदी भी नहीं है। एक अनुमान के अनुसार, भारत में 18+ आबादी की जनसंख्या करीब 106 करोड़ है।
वैक्सीनेशन अभियान के तहत अभी तक 33.68 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। जो 18+ आबादी का 33 फीसदी कहा जा सकता है और भारत में प्रतिदिन टीकाकरण का औसत 40 लाख के आसपास का है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान टीकाकरण की गति को बड़ा झटका लगा था। मई महीने में प्रतिदिन टीकाकरण का औसत 15 लाख से भी कम पहुंच गया था।
अगले 100 दिन है अहम
इन सबके बीच तमाम एक्सपर्ट लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि अगले कुछ महीने भारत के लिए काफी अहम हैं। दरअसल, दुनियाभर के कई देशों में कोरोना की तीसरी लहर ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। इस स्थिति में संभावना जताई जा रही है कि अगले 100 दिनों में भारत में भी कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।
भारत में कोरोना के मामले कम हुए हैं, लेकिन रोजाना सामने आने वाले मामलों में अभी भी निरंतरता बनी हुई है। भारत में कोरोना संक्रमण के प्रतिदिन करीब 40,000 मामले सामने आ रहे हैं और इनकी संख्या लगातार इसी स्तर बनी हुई है। अगर भारत में अगले कुछ महीनों में कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो एक बार फिर से टीकाकरण की गति पर ब्रेक लगना तय है।
केंद्र सरकार ने लोकसभा में दिए अपने जवाब में वैक्सीनेशन से लेकर वैक्सीन की उपलब्धता तक हर बात के लिए उम्मीद जताई है। उम्मीद का सीधा सा मतलब यही है कि ये संभावना जताई जा रही है, ऐसा हो जाएगा। लेकिन, इसके बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। वहीं, अगर स्थानीय अखबारों पर नजर डालें, तो बड़ी संख्या में कई जगहों पर वैक्सीन की कमी की बात भी निकल कर सामने आ रही है।
केंद्र सरकार का दावा था कि 31 जुलाई तक 53.60 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होंगी। लेकिन, सरकार के हालिया कबूलनामे के बाद कहा जा सकता है कि जुलाई के अंत इस आंकड़े तक पहुंचना मुश्किल है। वहीं, भारत में जिस रफ्तार से टीकाकरण हो रहा है। 18+ आबादी का साल के अंत तक टीकाकरण का लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है।