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आखिर क्यों ये चीटियां हमेशा एक लाइन में चलती दिखाई देती है….ये है वजह

पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए भगवान ने छोटे-बड़े कई तरह के जीव-जंतु बनाए हैं। इनमें से एक चींटी है, आपने हमेसा देखा ही होगा कि चीटियां हमेशा एक लाइन में ही चलती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है? चलिए अब हम आपको बताते हैं कि इसके पीछे क्या रहस्य छुपा हुआ है? 

चींटियों की 12 हजार से भी ज्यादा प्रजातियां 

चींटियां सामाजिक प्राणी (Social animal) होती हैं और ये कॉलोनी में रहती हैं। हालाँकि इस कॉलोनी में रानी चींटी, नर चींटी और बहुत सारी मादा चीटियां भी होती हैं। रानी चींटी के बच्चों की संख्या लाखों में होती है। वैसे आमतौर पर आप सब सिर्फ लाल और काली चींटियों के बारे में ही जानते हैं, लेकिन क्या आपको ये पता है कि दुनियाभर में चींटियों की 12 हजार से भी ज्यादा प्रजातियां हैं। अंटार्कटिका (Antarctica) को छोड़कर दुनिया के सभी कोने में चींटियां पायी जाती हैं।

अपने वजन से 50 गुना ज्यादा वजन उठा सकती

चींटियां सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले कीड़े की श्रेणी में आती हैं। दुनिया में कुछ कीड़े ऐसे हैं, जो महज कुछ दिन या कुछ घंटे ही जीवित रहते हैं। चींटी अपने आकार के संबंध में दुनिया के सबसे मजबूत प्राणियों में से एक है। ये दिखने में भले ही छोटी होती है, लेकिन इनके अंदर ऐसी काबिलियत होती है कि ये अपने वजन से 50 गुना ज्यादा वजन उठा सकती हैं। 

चींटियों के शरीर में फेफड़े नहीं होते हैं। ऑक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड के आनेजाने के लिए उनके शरीर पर छोटे-छोटे छेद होते हैं। हालांकि चींटियों के कान भी नहीं होते हैं। वो जमीन के कंपन (Ground vibration) से ही शोर का अनुभव करती हैं। वैसे तो चींटियों की आंखें होती हैं, लेकिन वो सिर्फ दिखावे के लिए होती हैं उन आँखों से वो देख नहीं सकती हैं।

चीटियां इस वजह से एक ही लाइन में चलती है

रानी चींटी भोजन की तलाश में निकलती है तो फेरोमोंस (Pheromones) छोड़ती जाती है। दूसरी चीटियाँ अपने ऐंटिना से उसे सूंघती हुई रानी चींटी के पीछे-पीछे चली जाती हैं, और यही वजह है कि चीटियां एक लाइन में चलती है।

जब रानी चींटी एक ख़ास फेरोमोंस बनाना बंद कर देती है तो चीटियाँ, नई चींटी को रानी चुन लेती हैं। फेरोमोंस का प्रयोग और बहुत सी स्थितियों में होता है। जैसे अगर कोई चींटी कुचल जाए तो चेतावनी के फेरोमोंस छोड़ती है जिससे बाक़ी चींटियाँ हमले के लिए तैयार हो जाती हैं। फेरोमोंस से यह भी पता चलता है कि कौन सी चींटी किस कार्यदल का हिस्सा है।