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बेवकूफी की कमी नहीं छोड़ते नेता, ताजा उदाहरण अखिलेश यादव ने दे ही दिया है

समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन दिनों सुर्खियों में है, लेकिन अपने बेतुके बयानों की वजह से। उनका बयान उनके अपने कार्यकर्ताओं के गले ही नहीं उतर रहा है कि आखिर वो अब अपने नेता के इस बयान पर क्या करें। दरअसल पूरा देश इस वक्त खुशी में है क्योंकि सरकार के द्वारा 2 वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। इस कारण हर जगह पर वैक्सीन की ही चर्चा है। वैक्सीन लगाने का ट्रायल भी चालू है। और लोगों को पूरी उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में ही कोरोना वैक्सीन को आधिकारिक मंजूरी भी दे दी जाएगी और फिर वो आम जनता को मिलने लगेगी और पूरी देश में टीकाकरण का अभियान शुरु हो जाएगा। ये पूरे देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।

अखिलेश यादव विरोध में वैज्ञानिकों का ही अपमान कर बैठे 

अखिलेश यादव भाजपा के विरोधी है लेकिन विरोध में ऐसा बयान दे दिया है जिसकी गाज खुद उनपर ही गिर गई है। उन्होंने जाने अनजाने में सरकार का विरोध करते हुए देश के महान वैज्ञानिकों का भी विरोध कर दिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एक युवा नेता हैं, साथ ही वो तो पढ़े-लिखे भी है लोगों को लगता था कि वो सूझबूझ वाले नेता है। लेकिन शायद उनको इतनी जानकारी भी नहीं है कि वैक्सीन भारत सरकार नहीं बनाती। वो तो हमारे देश के वैज्ञानिक बनाते हैं और उसकी मंजूरी के लिए तमाम तरह की संस्थाएं हैं। भारत सरकार बस उनको हर तरह के संसाधन मुहैया कराती है, वैक्सीन बनना है कैसे बनना है और कबतक बनना है इसकी पूरी जानकारी और जिम्मेदारी हमारे देश के वज्ञानिकों और उनकी टीम की होती है।

सरकार नहीं बनाती वैक्सीन

बिना वैज्ञानिकों के किसी भी तरह की वैक्सीन को न तो बाजार में उतारा जा सकता है और न ही किसी दवा को बाजार में बेचा जा सकता है। अब इतनी सी बात तो हर कोई जानता और समझता है। वैक्सीन या दवा न तो सरकार बनाती है और न ही उसकी मंजूरी भारत सरकार खुद से दे सकती है। अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अगर कोरोना वायरस की वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन कह रहे हैं तो ये तो पूरी तरह से उनकी मूर्खता को दर्शाता है। अखिलेश यादव ने कहा है कि वो कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाएंगें क्योंकि उन्हें भाजपा की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है।

सपा सरकार में कहां से लाएंगे वैक्सीन

जब समाजवादी पार्टी की सरकार आ जाएगी तब ही वो वैक्सीन खुद भी लगवाएंगें और सबको फ्री में लगवाएंगें भी। अब अखिलेश यादव के इस बयान को किस संदर्भ में लिया जाए ये ही नहीं तय हो पा रहा है। क्योंकि अखिलेश यादव केन्द्र में सरकार तो बना नहीं पाएंगें और रहा सवाल कि क्या उत्तर प्रदेश में सरकार बन जाने से अखिलेश यादव एक अलग अपनी वैक्सीन तैयार करवा लेंगे या फिर भारत के कुशल वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई इसी कोरोना वैक्सीन को अगर उनकी सरकार में लगाया जाएगा तब ही उनको देश के वैज्ञानिकों पर भरोसा होगा।

आजकल वैसे इस तरह का बयान देना काफी नुकसानदेह होता है। क्योंकि इस तरह के नेता और बयान सोशल मीडिया से बच नहीं सकता है। इस तरह की बातें ट्रोल होना आम बात हो गई है। ऐसे में किसी भी तरह का बचकाना बयान देना सिर्फ और सिर्फ अपना मजक ही बनवाने के लिए होता है। अब अखिलेश यादव खुद ही इसको समझा सकें तो समझाएं कि आखिर किसी दवा या वैक्सीन पर कब भरोसा करना चाहिए और कब नहीं करना चाहिए।

भाजपा उड़ा रही मजाक

अखिलेश यादव के इस बयान पर सत्तारुढ़ भाजपा के तमाम नेता इसका मजाक उड़ा रहे हैं और कहते नजर आ रहे हैं कि अखिलेश यादव की राजनीति इस कद्र गिर चुकी है कि उन्हें इस तरह के बचकाने बयान देने पड़ रहे हैं। कुल मिलाकर बात सिर्फ इतनी ही है कि अखिलेश यादव का सुर्खियों में रहना तो ठीक है लेकिन ऐसे बेतुके बयान उनके छवि को भी नुकसान पहुंचती है जो न तो खुद अखिलेश यादव चाहते होंगे और न ही उनकी पार्टी के सदस्य। अब इस बयान से पलट कर वैज्ञानिकों से माफी मांगना ही बेहतर तरीका है।