भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन बीती रात देश वापिस लौट आए हैं। 60 घंटों तक दुश्मन की धरती पर रहने के बाद उन्होंने अपने मुल्क में कदम रखा। पाकिस्तान की तरफ से वाघा-अटारी बॉर्डर पर रात के करीब 9.20 पर उन्हें भारत भेजा गया। बेशक वो देश आ गए हैं लेकिन ना तो वो अभी घर जा सकते हैं और ना ही अपनी ड्यूटी पर लौट सकते हैं। अभी उन्हें कई पड़ावों से गुजरना होगा, जिसके बाद ही वो विमान को भी दोबारा उड़ा सकेंगे।
मेडिकल जांच होगी
विंग कमांडर अभिनंदन की सबसे पहले रेडक्रॉस मेडिकल जांच की जाएगी। इसमें इस बात के बारे में पता लगाया जाएगा कि उन्हें कितनी चोटें लगी हैं? ये चोटें कैसे लगी? साथ ही ये भी पता लगाया जाएगा कि क्या उन्हें टॉर्चर किया गया? अगर किया गया तो किस हद तक का टॉर्चर किया गया था। कहीं उन्हें किसी तरह के ड्रग्स तो नहीं दिए गए। प्रोटोकॉल के तहत अभिनंदन की पूरी बॉडी की स्कैनिंग भी होगी। उनकी फिजिकल जांच के साथ साइकोलॉजिकल जांच भी होगी।
दरअसल इसके पीछे की वजह है कि अगर उन्हें टॉर्चर किया गया तो भारत ये मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठा सकेगा क्योंकि जेनेवा संधि के तहत युद्धबंदियों के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता है।
पूछताछ होगी
युद्धबंदियों से जुड़े सारे प्रोटोकॉल भी उनपर लागू किए जाएंगे। जिसके तहत वायु सेना अभिनंदन से पूछताछ करेगी और उसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। अभिनंदन से दिल्ली में वायु सेना की टीम सवाल करेगी। जैसे कि पाकिस्तान में उनसे किस तरह के सवाल पूछे गए? कितनी बार पूछताछ हुई? और उन्होंने सवालों के क्या जवाब दिए?
इससे आगे जाकर सरकार को मदद होगी, दुश्मन देशों के सवाल पूछने के तरीके के हिसाब से भारतीय वायु सेना अपने पायलटों को तैयार करेगी। इसके अलावा अभिनंदन से रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो भी अलग-अलग से पूछताछ करेंगे। इसमें उनके साथ पाकिस्तान ने कैसा व्यवहार किया, इसकी डीटेल तैयार की जाएगी। इस दौरान दोनों एजेंसियां पाकिस्तान की सेना से संबंधित ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेने की कोशिश करेगी।
इससे पाकिस्तान की सेना के तौर तरीके कैसे हैं इस बात का विश्लेषण किया जाएगा। कई दौर की इस पूछताछ में लगभग एक महीने तक का वक्त लग जाता है। दोनों एजेंसियों के द्वारा ये पूछताछ इसलिए जरूरी है ताकि पाकिस्तान की हर एक जानकारी को बारीकी से जाना जा सके। इन सभी पड़ावों को पार करने के बाद ही अभिनंदन दोबारा अपनी ड्यूटी पर लौट सकेंगे और एक बार फिर से विमान उड़ा सकेंगे।