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ओवैसी, राखी सावंत को दफ्तर, सोनिया को दस जनपथ लेकिन ‘आप’ के दफ्तर से डर गयी बीजेपी ?

दिल्ली एमसीडी चुनाव जैसे जैसे नज़दीक आ रहे हैं राजनितिक पार्टियों की जद्दोज़हद सामने आ रही है | संज्ञान होगा कि बीते दो दिन पहले दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने आम आदमी पार्टी का दिल्ली कार्यालय यह कहते हुए बंद करवा दिया था कि, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की जनता को तमाम तरीके से बेवकूफ बनाया है जिसका कोई भी ब्योरा उनसे मांगी फाइलों में नहीं है |

यहाँ तक कि, ३ मेंबर्स की बेंच शुंगलू कमिटी ने दिल्ली के गवर्नर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए ये कहा कि, केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने वास्तव में लेफिनेंट गवर्नर के हर फैसले कि अवहेलना की है और कानून से अलग हर काम किया है |

शुंगलू कमिटी की इस रिपोर्ट के आते ही बीजेपी जो मौजूदा समय में दिल्ली में ७० में से ४ एमएलए के साथ विपक्ष की भूमिका निभा रही है उसको आप पर उंगली उठाने का भरपूर मौक़ा मिला है |

शुंगलू कमिटी की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी जिसको ७० में से ६७ सीटें मिली थी उस पार्टी का कार्यालय दफ्तर ही बंद करवा दिया गया |

कांग्रेस दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन ने तो केजरीवाल का इस्तीफा तक से मांग लिया हालांकि आपको बता दें कि दस जनपथ जो भारत के गृह मंत्री राजनाथ को मिलना चाहिए वो आज तक सोनिया गाँधी को मिला है | जबकि कांग्रेस की एक भी सीट दिल्ली में नहीं हैं |

इतना ही नहीं राखी सावंत की रिपब्लिकन पार्टी जिसकी पुरे देश में एक भी सीट नहीं है उसका भी दफ्तर दिल्ली में है और तो और बीजेपी के सबसे बड़े विरोधी माने जाने वाले असदुद्दीन ओवैसी के AIMIM का दफ्तर भी दिल्ली में है |

सवाल उठना लाज़मी है और उठना भी चाहिए लेकिन किसी एक पार्टी के साथ ये भेदभाव या फिर सरकार की सिर्फ एक पार्टी के लिए पारदर्शिता इसको कहेंगे ?

आइये सुनते हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का क्या कहना था